Amit Shah पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा

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क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बुनियादी ढांचे, सड़क परिवहन, बिजली, उद्योग और परस्पर हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। स्थापित प्रक्रिया और परिपाटी के अनुसार, बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति में परिषद के समक्ष रखे जाने वाले एजेंडा की जांच की जाती है और उनकी प्राथमिकता तय की जाती है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सोमवार को गाँधीनगर में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच तथा बुनियादी ढांचा और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों सहित कई विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, तथा दादरा और नगर हवेली, दमन एवं दीव संघ शासित प्रदेश शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासक, मंत्री, मुख्य सचिव, सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केन्द्रीय गृह सचिव सहित केन्द्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में भाग लेंगे। बैठक में, बच्चों व महिलाओं के यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म जैसे मामलों की शीघ्र जांच, बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए त्वरित विशेष अदालतों के क्रियान्वयन पर चर्चा होने की संभावना है।

बैठक में प्रत्येक गांव में पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकों/भारतीय डाक भुगतान बैंक की शाखाएं खोलने, ‘पोषण अभियान’ के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करना, स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी और राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बुनियादी ढांचे, सड़क परिवहन, बिजली, उद्योग और परस्पर हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। स्थापित प्रक्रिया और परिपाटी के अनुसार, बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति में परिषद के समक्ष रखे जाने वाले एजेंडा की जांच की जाती है और उनकी प्राथमिकता तय की जाती है। क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केन्द्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर तय रूपरेखा के तहत चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले नौ साल में क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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