सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों की शहादत का मुआवजा समान नहींः केंद्र

Army and paramilitary forces personnel compensation not same
[email protected] । Jul 20 2017 3:59PM

केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि नक्सली या आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे की एक दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है।

केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि नक्सली या आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे की एक दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है। क्योंकि दोनों के सेवानिवृत्ति संबंधी नियमों में भिन्नता है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर द्वारा आतंकवादी या नक्सली हमलों में सेना और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के शहीद होने पर एकसमान दर्जा और सुविधायें देने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा कि सेना और सशस्त्र बल की एक दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सेना और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सेवानिवृत्ति की आयु और सेवा नियमों आदि में भिन्नता के कारण इनके शहीदों के परिजनों को मिलने वाली सुविधायें भी भिन्न हैं। रिजिजू ने बताया कि ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स के जवानों के परिजनों को अनुग्रह राशि, परिवार पेंशन, निकटतम परिजन को अनुकंपा नियुक्ति और बच्चों को छात्रवृत्ति आदि लाभ दिये जाते हैं। इसी तरह सेना के जवानों के लिये भिन्न नियम हैं।

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