भारत-म्यांमा सीमा पर मुठभेड़ में NSCN को ‘‘काफी नुकसान’’ हुआ: थलसेना

Army guns down NSCN militants on Indo Myanmar border

भारतीय थलसेना ने तड़के नगालैंड में भारत-म्यांमा सीमा के पास एनएससीएन (के) के हमले के बाद ‘‘जवाबी फायरिंग’’ में इस उग्रवादी संगठन को ‘‘काफी नुकसान’’ पहुंचाया।

नयी दिल्ली। भारतीय थलसेना ने तड़के नगालैंड में भारत-म्यांमा सीमा के पास एनएससीएन (के) के हमले के बाद ‘‘जवाबी फायरिंग’’ में इस उग्रवादी संगठन को ‘‘काफी नुकसान’’ पहुंचाया। थलसेना के पूर्वी कमान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्रवाई के दौरान सेना का कोई जवान हताहत नहीं हुआ। पूर्वी कमान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि तड़के करीब 4:45 बजे नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-के) के अज्ञात विद्रोहियों की ओर से भारत-म्यांमा सीमा के पास तैनात भारतीय थलसेना की एक टुकड़ी पर फायरिंग की गई। बयान के मुताबिक, ‘‘अपने जवानों ने तेजी से पलटवार किया और उग्रवादियों पर भारी गोलीबारी की। इसके बाद उग्रवादियों का आपस में संपर्क टूट गया और वे मौके से भाग गए। सूचनाओं के मुताबिक, उग्रवादी बड़ी संख्या में हताहत हुए। अपने सैनिक हताहत नहीं हुए।’’

बहरहाल, थलसेना ने यह नहीं बताया कि हमले में कितने उग्रवादी मारे गए या घायल हुए। थलसेना ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जवानों ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की।’’ इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई दो राय नहीं है कि म्यांमा मित्र देश है। हमें जो भी सूचना मिलेगी, हम आपको उसके बारे में सूचित करेंगे।’’ बहरहाल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ‘सबसे वांछित लोगों की सूची’ में शामिल इसाक सूमी के एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया कि भारत-म्यांमा सीमा से 10-15 किलोमीटर दूर म्यांमा के अधिकार क्षेत्र वाले नगा इलाके के भीतर लांगखु गांव के बाहरी इलाके में यह मुठभेड़ हुई।

एनआईए की ओर से एनएससीएन का जनसंपर्क अधिकारी बताए जाने वाले सूमी ने कहा, ‘‘मुठभेड़ तड़के करीब तीन बजे शुरू हुई जब नगा आर्मी की एलीट इकाई ने भारत-म्यांमा सीमा से 10-15 किलोमीटर दूर म्यांमा के अधिकार क्षेत्र वाले नगा इलाके के भीतर स्थित लांगखु गांव के बाहरी इलाके में भारतीय सीमा की एक टुकड़ी को अपने अस्थायी शिविर की तरफ आते देखा। यह रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक मुठभेड़ जारी थी।’’ सूमी ने दावा किया कि ‘‘तीन भारतीय सैनिक मारे गए और अपुष्ट सूचना के अनुसार काफी संख्या में जख्मी हुए, लेकिन नगा आर्मी में कोई हताहत नहीं हुआ।’’ उसके फेसबुक अकाउंट में लिखा है कि वह म्यांमा के यंगून में रहता है और वह नगालैंड के जुन्हेबोटो जिले का रहने वाला है। उसके बारे में यही जानकारी एनआईए की वेबसाइट पर भी है। थलसेना के सूत्रों ने कहा कि यह ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है।

थलसेना ने यह टिप्पणी सूमी की ओर से फेसबुक पर पोस्ट डालने के बाद की। पूर्वी कमान ने भी ट्वीट किया, ‘‘भारतीय थलसेना के जवानों के हताहत होने की खबरें तथ्यात्मक तौर पर गलत हैं। मुठभेड़ आज तड़के 4:45 बजे भारत-म्यांमा सीमा के पास हुई।’’ जून 2015 में थलसेना ने ऐसा ही अभियान प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के खिलाफ चलाया था। मणिपुर में 20 जवानों के मारे जाने के बाद यह अभियान चलाया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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