स्वच्छ गंगा कोष में पिछले आठ वर्षो में 733.81 करोड़ रूपये प्राप्त हुए, ईटीएफ की बैठक में मिली जानकारी

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कोष का उपयोग शहरों के आसपास नदी के किनारे अपशिष्ट उपचार और निपटान संयंत्रों की स्थापना, नदी की जैविक विविधता के संरक्षण तथा घाट पुनर्विकास जैसी गतिविधियों सहित सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए किया जा सकता है।

नयी दिल्ली। गंगा नदी की निर्मलता एवं अविरलता में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गठित स्वच्छ गंगा कोष में पिछले आठ वर्षों में 733.81 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। गंगा नदी पर अधिकार सम्पन्न कार्यबल (ईटीएफ) की पिछले महीने हुई 11वीं बैठक के कार्यवृत (मिनट्स) दस्तावेज से यह जानकारी मिली है। दस्तावेज के अनुसार, ‘‘18 अप्रैल 2023 तक स्वच्छ गंगा कोष में 733.81 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की गई है और इसके माध्यम से कई प्रमुख परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं।’’ इसमें कहा गया है कि स्वच्छ गंगा कोष में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ब्याज सहित 128.15 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई है जो इस निधि में अब तक किसी वर्ष में दूसरी सबसे बड़ी जमा राशि है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) का 47.19 करोड़ रूपये का योगदान और प्रधानमंत्री स्मृति चिन्हों की नीलामी से प्राप्त 11.44 करोड़ रूपये की राशि शामिल है।

ज्ञात हो कि गंगा नदी की निर्मलता एवं अविरलता अभियान में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2015 में स्वच्छ गंगा निधि का गठन किया गया था। दस्तावेज के अनुसार, स्वच्छ गंगा कोष के उपयोग से अब तक 16 परियोजनाएं पूरी की गई है और 15 परियोजनाओं पर कार्य जारी है। इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में इस कोष से 31.44 करोड़ रूपये का व्यय हुआ। कोष के न्यासियों के बोर्ड की 24 नवंबर 2022 को हुई पांचवीं बैठक में 12 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। गौरतलब है कि स्वच्छ गंगा कोष के उपयोग से गंगा नदी की सफाई के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उल्लिखित गतिविधियों के लिए योगदान शामिल है।

कोष का उपयोग शहरों के आसपास नदी के किनारे अपशिष्ट उपचार और निपटान संयंत्रों की स्थापना, नदी की जैविक विविधता के संरक्षण तथा घाट पुनर्विकास जैसी गतिविधियों सहित सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही कोष का उपयोग नदी की सफाई के लिए नई तकनीक और प्रक्रियाओं के लिए अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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