राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई में आज की प्रमुख बातें
इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं। पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर है।
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो रही है। उच्चतम न्यायालय में अयोध्या मामले की 11वें दिन की सुनवाई हो रही है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ निर्मोही अखाड़े की तरफ से सुशील जैन की दलीलें सुनी। सुशील जैन ने कोर्ट से कहा कि वो विवादित ज़मीन पर मालिकाना हक़ का दावा नहीं कर रहे, सिर्फ पूजा-प्रबन्धन और कब्जे का अधिकार मांग रहे है। अयोध्या बहुत बड़ा है, पर प्रभु राम की तस्वीर सिर्फ रामजन्म भुमि में स्थापित की गई थी। सुशील जैन ने कहा कि मेरे सेवादार के अधिकार को छीन कर मुझसे कब्जा लिया गया. सुशील जैन ने ये भी कहा कि रामलला की ओर से जो निकट सहयोगी देवकी नंदन अग्रवाल बनाये गए है, मैं उन्हें नहीं मानता. वो तो पुजारी भी नहीं है। जिस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि जब आप किसी देवता के सेवादार/पुजारी के नाते अपना अधिकार मांगते है तो आप फिर उस देवता ( रामलला विराजमान) की ओर से दायर अर्जी का विरोध कैसे कर सकते हैं। मान लीजिए कि देवता( रामलला) की याचिका खारिज हो गई तो फिर तो अपने आप ही सेवादार होने का आपका दावा भी खारिज हो जाएगा। सुशील जैन ने कहा, मैं रामलला और रामजन्मस्थान की याचिका के खिलाफ नहीं हूं।
इसे भी पढ़ें: अयोध्या मामला: निर्मोही अखाड़ा को लग सकता है बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने चेताया
मेरी दलील है कि देवकीनंदन अग्रवाल निकट मित्र की हैसियत नहीं रखते। सुशील जैन ने ये भी दावा किया सिर्फ निर्मोही अखाड़े का नाम नाम गैजेटियर और ऐतिहासिक दस्तावेजो में अंकित है। सिर्फ मैं ही हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर सकता हूं। जस्टिस बोबडे के पूछने पर सुशील जैन ने अदालत में वो बयान भी पढ़े जिनसे साबित हो कि निर्मोही अखाड़े के मंदिर के प्रबंधन पर कब्जा रहा है। इससे पहले रामलला विराजमान के वकील अपना पक्ष अदालत में रख चुके हैं। कल सुनवाई खत्म होने से पहले गोपाल सिंह विशारद की ओर से वकील रंजीत कुमार अपनी दलीलें रख रहे थे। आज भी वही अपनी बात आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं। पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर है।
Five-judge Constitution bench, headed by Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi begins today's hearing in the Ayodhya Ram Temple-Babri Masjid land case in Supreme Court. pic.twitter.com/tEyeBAulir
— ANI (@ANI) August 23, 2019
अन्य न्यूज़