किसान आंदोलन पर बाबा रामदेव बोले, अन्नदाता और सरकार के मध्य निकलना चाहिए बीच का रास्ता

Baba Ramdev

रामदेव ने कहा कि टीके के कुछ साइड इफैक्ट होते हैं जो इसमें भी होंगे। यह टीके न तो किसी पंथ के हैं और न ही किसी राजनीतिक पार्टी के हैं। यह एक वैज्ञानिक शोध है।

हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन में अन्नदाता और सरकार के मध्य आपसी सहमति से बीच का रास्ता निकलना चाहिए। पतंजलि योगपीठ के 26वें स्थापना दिवस पर योग गुरु ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों की आड़ में कुछ शरारती तत्व अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं और उनसे किसानों को बचना चाहिए। 

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उन्होंने कहा, आपसी संवाद से जल्द समाधान निकल जाएगा। कोरोना टीके के संबंध में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा कि इसमें न तो गाय का खून है और न ही सुअर की चर्बी है। उन्होंने कहा कि टीके से न कोई नपुंसक होने वाला है और न ही किसी विरोधी दल के राजनेता की मौत होने वाली है। रामदेव ने कहा कि टीके के कुछ साइड इफैक्ट होते हैं जो इसमें भी होंगे। यह टीके न तो किसी पंथ के हैं और न ही किसी राजनीतिक पार्टी के हैं। यह एक वैज्ञानिक शोध है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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