शादी करेंगे तो बुढ़ापे में भूलने की बीमारी होने का खतरा कम होगा

Being single ''increases your dementia risk by 40% - with marriage protecting against Alzheimer''s''

शादी के बंधन में बंधकर आप बुढ़ापे में होने वाली स्मृति क्षय की बीमारी को अपने से दूर रख सकते हैं। जीवनभर कुंवारे रहने वाले और विधुर-विधवाओं में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है।

लंदन। शादी के बंधन में बंधकर आप बुढ़ापे में होने वाली स्मृति क्षय (डिमेन्शिया) की बीमारी को अपने से दूर रख सकते हैं। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है जिसमें पाया गया कि जीवनभर कुंवारे रहने वाले और विधुर-विधवाओं में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और साइकाइट्री में प्रकाशित इस अध्ययन में 15 संबंधित अध्ययनों का डेटा शामिल किया गया है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने डिमेन्शिया के खतरे और वैवाहिक स्थिति के बीच संबंधों की जांच करने का प्रयास किया। इस अध्ययन के लिए उन्होंने यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा एशिया के आठ प्रतिभागियों को शामिल किया। उन्होंने पाया कि विवाहित लोगों के मुकाबले जीवनभर अकेले रहने वाले लोगों में डिमेन्शिया का खतरा 42 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि शादीशुदा जोड़ों की जीवनशैली ज्यादा सेहतमंद होती है, वे ज्यादा व्यायाम करते हैं, सेहतमंद भोजन करते हैं और कम धूम्रपान या शराब पीते हैं। ये सभी बातें डिमेंशिया के खतरे को कम करती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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