बंगाल के DGP ने न्यायमूर्ति कर्णन को सौंपा जमानती वारंट
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पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक ने आज अवमानना के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सीएस कर्णन को उच्चतम न्यायालय की ओर से 10 मार्च को जारी जमानती वारंट सौंपा।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक सुरजीत कार पुरकायस्थ ने आज अवमानना के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सीएस कर्णन को उच्चतम न्यायालय की ओर से 10 मार्च को जारी जमानती वारंट सौंपा। कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार और डीआईजी (सीआईडी) राजेश कुमार के साथ डीजीपी न्यू टाउन एरिया स्थित न्यायमूर्ति कर्णन के आवास पर पहुंचे और उन्हें वारंट सौंपा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''डीजीपी ने न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ जारी जमानती वारंट आज सुबह न्यू टाउन स्थित उनके आवास पर उन्हें सौंप दिया।’’
जब तीनों पुलिस अधिकारी न्यायमूर्ति के आवास पर पहुंचे, उस वक्त वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। उच्चतम न्यायालय ने अवमानना के एक मामले में न्यायमूर्ति कर्णन की 31 मार्च को न्यायालय में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए अपने एक अभूतपूर्व आदेश में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उच्चतम न्यायालय के इस आदेश से नाराज न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा कि उन्हें पद पर आसीन न्यायमूर्ति के खिलाफ जमानती वारेंट जारी करने का ‘‘कोई अधिकार नहीं हैं’’ साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि एक दलित होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति कर्णन ने भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस केहर तथा छह अन्य न्यायधीशों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून 1989 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
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