Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस के लिए 2024 की उम्मीद जगी, विवादों का साया भी पड़ा

Bharat Jodo Yatra
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कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ करीब पांच महीने बाद सोमवार को पूरी हो गई और इससे न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा एवं राहुल गांधी की छवि में बदलाव आया, बल्कि 2024 के आम चुनाव के संदर्भ में पार्टी के लिए उम्मीद भी जगी।

कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ करीब पांच महीने बाद सोमवार को पूरी हो गई और इससे न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा एवं राहुल गांधी की छवि में बदलाव आया, बल्कि 2024 के आम चुनाव के संदर्भ में पार्टी के लिए उम्मीद भी जगी। हालांकि इस यात्रा पर कुछ विवादों का साया भी पड़ा। इस सबके बीच, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के समक्ष कई चुनौतियां अब भी जस की तस खड़ी प्रतीत होती हैं।

मसलन, कई राज्यों में मजबूत संगठन का अभाव है, विपक्षी खेमे में तालमेल बनाने में मुश्किल है, कुछ राज्यों में आंतरिक कलह है और अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व की वाजिब दावेदारी पेश करने की चुनौती भी है। कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न हुई। गत सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशें से होकर गुजरी। राहुल गांधी समेत 130 से अधिक ‘भारत यात्रियों’ ने इस यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की।

इस यात्रा के पांच महीने के सफर में कई महत्वपूर्ण पहलू रहे। राहुल गांधी ने इन पांच महीनों में 12 बड़ी जनसभाओं, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं और 13 संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया। कन्याकुमारी में इस यात्रा की शुरुआत के मौके पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताया। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत से ही इसे लोगों का समर्थन मिलता नजर आया। कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी एक दिन यात्रा का हिस्सा बनीं।

इस यात्रा में पूजा भट्ट, रिया सेन, सुशांत सिंह और कई अन्य फिल्मी चेहरे भी शामिल हुए। रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन और पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर ने भी राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की। शिवसेना से आदित्य ठाकरे और संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और कुछ अन्य दलों के नेता भी इस यात्रा का हिस्सा बने। इस यात्रा का एक महत्पपूर्ण पड़ाव वह था जब इसके दिल्ली पहुंचने पर राहुल गांधी ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और कई अन्य प्रमुख नेताओं की समाधियों पर जाने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित किए।

दिल्ली में इस यात्रा के पहुंचने के बाद कांग्रेस ने सुरक्षा में चूक का विषय भी उठाया और गृह मंत्री अमित शाह से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की। यात्रा के दौरान राहुल गांधी का सर्दी में टी-शर्ट पहनना भी सुर्खियां बना। नए साल की शुरुआत से कुछ दिन पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दावा किया कि राहुल गांधी छुट्टयां मनाने विदेश जा रहे हैं, हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 31 दिसंबर को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में जोशी से माफी की मांग की।

इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत तपस्वियों का देश है, पुजारियों का देश नहीं है। इसको लेकर भी दोनों दलों में तीखे आरोप-प्रत्यारोप हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बनाने में मदद मिली है, लेकिन इसका सही अंदाजा इस साल होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर होगा। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा के अनुसार, भाजपा का मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करने का असली काम कांग्रेस के लिए अब शुरू हुआ है तथा अब पार्टी के पक्ष में हवा बन रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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