चित्रकूट जेल हत्याकांड में बड़ा एक्शन, जेल अधीक्षक और जेलर समेत पांच को किया गया निलंबित

Chitrakoot jail
प्रतिरूप फोटो

जिले की रगौली जेल में शुक्रवार को आपसी विवाद में एक बंदी ने दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने संक्षिप्त मुठभेड़ में उसे भी मार गिराया।

चित्रकूट/लखनऊ। जिले की रगौली जेल में शुक्रवार को आपसी विवाद में एक बंदी ने दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने संक्षिप्त मुठभेड़ में उसे भी मार गिराया। आधिकारिक बयान के अनुसार इस मामले में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अधिकारियों की एक जांच टीम गठित कर छह घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी जिसके आधार पर शासन ने जेल अधीक्षक और जेलर को निलंबित कर दिया है। पुलिस के अनुसार, चित्रकूट की जिला जेल में शुक्रवार को दो गिरोहों के बीच लड़ाई में गैंगस्टर अंशुल दीक्षित अंशु ने दूसरे गिरोह के बदमाशों मुकीम काला और मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली की गोली मारकर हत्या कर दी।

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घटना के दौरान जेल के सुरक्षा कर्मियों के साथ संक्षिप्त मुठभेड़ में दीक्षित भी मारा गया। अपर मुख्‍य सचिव गृह व कारागार अवनीश कुमार अवस्‍थी ने शुक्रवार की रात पीटीआई- को बताया किघटना की जांच रिपोर्ट के आधार पर चित्रकूट जेल के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को निलंबित कर दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या और जेलकर्मी भी इस मामले में दोषी पाये गये हैं, उन्होंने बताया कि अन्‍य जेल कर्मियों पर भी कारागार महानिदेशक द्वारा कार्रवाई की जाएगी।

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इस बीच शासन स्तर से जिला कारागार कासगंज के अधीक्षक अशोक कुमार सागर को जिला कारागार चित्रकूट का जेल अधीक्षक और जिला कारागार अयोध्या के जेलर सीपी त्रिपाठी को जिला कारागार चित्रकूट का जेलर बनाया गया है। दो अन्य वरिष्ठ जेल अधिकारियों के भी कार्यक्षेत्र में फेरबदल हुआ है। दिन में एक सवाल के जवाब में जेल अधिकारी ने बताया था कि दोनों गिरोहों के बीच हो रहे झगड़े का बीच-बचाव करने गए एक सुरक्षाकर्मी का सर्विस रिवाल्वर छीनकर बंदी दीक्षित ने अन्य दो कैदियों पर गोली चलाई जिसमें उनकी मौत हो गई। देर दिन में पुलिस महानिरीक्षक (चित्रकूट परिक्षेत्र) के. सत्यनारायण से सवाल करने पर उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है कि बंदी के पास जेल में हथियार कहां से आया। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए टीम गठित की थी और कारागार महानिदेशक से तत्काल मामले की रिपोर्ट मांगी थी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री ने चित्रकूट जेल में आज हुई घटना का संज्ञान लेते हुए महानिदेशक कारागार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने अगले छह घंटे में आयुक्त चित्रकूट डीके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (चित्रकूट परिक्षेत्र) के. सत्यनारायण, उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय संजीव त्रिपाठी की संयुक्त टीम को इस घटना की जांच कर आख्‍या उपलब्‍ध कराने का निर्देश दिया था।’’ चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण ने पीटीआई- को बताया, ‘शुक्रवार को करीब साढ़े दस बजे चित्रकूट जिला जेल में दो गिरोहों के बीच हुई लड़ाई में गैंगस्टर अंशुल दीक्षित ने शामली के खूंखार अपराधी मुकीम काला और वाराणसी के शातिर अपराधी मेराज अली की गोली मारकर हत्या कर दी।’’ उन्होंने बताया,‘‘ इस दौरान जेल के सुरक्षाकर्मियों ने उसे (अंशुल को) काबू करना चाहा, लेकिन उसने कुछ कैदियों को असलहे के बल पर बंधक बना लिया। बाद में सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में अंशुल भी मारा गया।’’ यह पूछने पर कि जेल में अंशुल के पास हथियार कैसे पहुंचा? आईजी सत्यनारायण ने कहा, घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं, जांच निष्कर्ष से पता चलेगा कि जेल के अंदर हथियार कैसे पहुंचा होगा।’’

उन्होंने बताया कि जेल में मारे गए मुकीम काला, मेराज और अंशुल खूंखार अपराधी थे, इनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। दिन में रगौली जिला जेल के जेल अधीक्षक एस.पी. त्रिपाठी ने बताया था कि जेल में कुछ कैदियों के बीच हुई आपसी झड़प के दौरान एक बंदी ने दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी, बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया। त्रिपाठी ने बताया था कि अभी फिलहाल जिले के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शामली निवासी मुकीम काला पर हत्या, डकैती और रंगदारी के 61 मामले दर्ज थे और शामली जिले के कैराना कस्‍बे में सामूहिक पलायन का मुद़्दा उठने के बाद 2016 में उसका नाम सामने आया था। यह आरोप लगाया गया था कि मुकीम काला और उसके गिरोह के सदस्यों की धमकी ने कई हिंदुओं को कैराना छोड़ने के लिए मजबूर किया है। मारे गये अपराधियों में से मेराज अली गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के गिरोह का सक्रिय सदस्य था, जबकि सीतापुर निवासी दीक्षित ठेके पर हत्या करने वाला खूंखार शूटर था, जिसने अतीत में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी के लिए काम किया था।

अली पिछले 20 मार्च को जिला जेल बनारस से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल लाया गया था, जबकि मुकीम काला को सात मई, 2021 को सहारनपुर जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल में स्थानांतरित किया गया था। पुलिस की सुरक्षात्मक कार्रवाई में मारा गया तीसरा बंदी अंशुल दीक्षित प्रशासनिक आधार पर आठ दिसंबर, 2019 को जिला जेल सुलतानपुर से लाकर चित्रकूट जेल में रखा गया था। अधिकारी के मुताबिक, चित्रकूट जेल में घटना सुबह दस बजे हुई और दीक्षित ने मेराज और मुकीम की हत्या करने के बाद पांच बंदियों को असलहे का भय दिखाकर बंधक बना लिया था। दीक्षित ने उन्हें मारने की धमकी भी दी थी। अधिकारी ने बताया कि जेल की स्थिति अब नियंत्रण में है। गौरतलब है कि इससे पहले, बागपत जेल में माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई, 2018 को दूसरे गैंगस्टर सुनील राठी ने जेल के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल को बाद में एक नाले से बरामद किया गया था। बजरंगी 2005 में भारतीय जनता पार्टी के गाजीपुर जिले के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में आरोपी था। विधायक की हत्या में मुख्तार अंसारी को भी राय के परिजनों ने आरोपी बनाया था। इस बीच बहुजन समाज पार्टी के गाजीपुर से सांसद और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने चित्रकूट जेल में हुई घटना की उच्‍च न्‍यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है।

सांसद अंसारी ने आज पीटीआई- से बातचीत मेंचित्रकूट जेल में तीन विचाराधीन कैदियों की हत्या को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जेल में हत्या की घटना ने प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था मजबूत होने संबंधी तमाम दावों की कलई खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह तीनों विचाराधीन कैदियों को सरकार प्रशासनिक आधार का हवाला देकर अलग अलग स्थानों से चित्रकूट जेल ले गई तथा जिस तरह से हत्या की घटना सामने आ रही है, उसको देखते हुए उन्हें आशंका है कि इनकी हत्या के पीछे भी पूर्व षड्यंत्र है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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