नीतीश ने विश्वास मत जीता, पक्ष में पड़े 131 वोट, विपक्ष में 108

Bihar CM Nitish Kumar Wins trust vote
[email protected] । Jul 28 2017 4:54PM

नीतीश कुमार सरकार ने आज बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीत लिया। इसके पक्ष में 131 मत और विपक्ष में 108 मत पड़े। 243 सदस्यीय विधानसभा में चार सदस्य मतदान नहीं कर सके।

पटना। नीतीश कुमार सरकार ने आज बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीत लिया। इसके पक्ष में 131 मत और विपक्ष में 108 मत पड़े। 243 सदस्यीय विधानसभा में चार सदस्य मतदान नहीं कर सके जिसकी वजह से विश्वास मत के दौरान सदन में सदस्यों की संख्या घटकर 239 रह गई। चूंकि मतदान के वक्त सदन में सदस्यों की प्रभावी संख्या घटकर 239 रह गई थी इसलिए बिहार की नई सरकार को विश्वास मत जीतने के लिए 120 मतों की जरूरत थी।

राजद के राज वल्लभ यादव जेल में होने के कारण मतदान में शामिल नहीं हो सके, भाजपा के आनंद शंकर पांडे चिकित्सीय उपचार के लिए राज्य से बाहर हैं, कांग्रेस के सुदर्शन तकनीकी कारण से मतदान नहीं कर सके। मत विभाजन के लिए जब द्वारों को बंद किया गया तब सुदर्शन सदन से बाहर थे। अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मतदान में भाग नहीं लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सदन में मौजूद तो थे लेकिन वे दोनों ही विधान परिषद के सदस्य हैं इसलिए उन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया।

लॉबी डिवीजन (मत विभाजन) के तहत मतदान में विश्वास मत के पक्ष में जो सदस्य थे वह एक लॉबी के भीतर चले गए जहां उन्होंने एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए जबकि विश्वास मत के विरोध में जो लोग थे वे दूसरी लॉबी में चले गए जहां उन्होंने भी एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए। अंत में अध्यक्ष ने विश्वास मत का परिणाम घोषित किया जिसमें 131 मत राजग के पक्ष में जबकि 108 मत विरोध में पड़े। नीतीश कुमार के पक्ष में पड़े 131 मतों में जदयू के 70, भाजपा के 52, रालोसपा के दो, लोजपा के दो, जीतनराम मांझी की पार्टी हम का एक और चार निर्दलीय के थे।

विरोध में पड़े 108 मतों में राजद के 79, कांग्रेस के 26 और भाकपा माले के तीन हैं। अध्यक्ष ने ध्वनि मत के जरिए विश्वास मत करवाने का प्रयास किया लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से हो रहे शोर की वजह से यह संभव नहीं हुआ। राजद के वरिष्ठ विधायक अब्दुल बारी सिद्दकी ने गोपनीय मतदान करवाने की मांग की जिसे अध्यक्ष ने ठुकरा दिया। विश्वास मत के अंत में अध्यक्ष ने विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

जदयू-राजद गठबंधन सरकार के विश्वास मत के लिए आज बिहार विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं के भाषण के दौरान विरोधी दलों के सदस्यों ने लगातार बाधा उत्पन्न की। विश्वास मत पर चर्चा पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुरू की। कांग्रेस की ओर से विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने चर्चा की।

सुशील मोदी ने भाजपा की ओर से बात रखी जबकि मुख्यमंत्री ने सबसे अंत में संबोधित किया। नीतीश कुमार (66) ने गुरुवार को शपथ ग्रहण की थी। वे चार वर्ष बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लौट आए। एक दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके साथ ही सहयोगी दल लालू यादव की राजद और कांग्रेस के साथ रिश्ते तोड़ लिए थे।

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