हरियाणा में भाजपा का जलवा जारी, पांच शहरों के महापौर पद पर किया कब्जा

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[email protected] । Dec 19 2018 8:16PM

राज्य में 10 नगर निगम हैं। इससे पहले गुरुग्राम और फरीदाबाद में नगरनिगम चुनाव हुए थे। सीमांकन के कार्य और संबंधित कानूनी विवाद के कारण सोनीपत, पंचकुला और अंबाला नगर निगमों में चुनाव होने बाकी हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने पांच शहरों में हुए महापौर पद के चुनाव में जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस जीत को राज्य सरकार की नीतियों और उसके विकास के एजेंडे पर लोगों का समर्थन बताया है। हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर में पार्टी के महापौर पद के उम्मीदवारों ने जोरदार जीत दर्ज की। विपक्षी कांग्रेस इस चुनाव में शामिल नहीं हुई, हालांकि उसके कुछ नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया। महापौर पद के लिये कुछ सीटों पर इनेलो-बसपा ने पार्टी चिह्नों पर मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जबरदस्त हार का मुंह देखना पड़ा ।उनके उम्मीदवार निर्दलीयों से भी काफी पीछे रहे।

यह पहली बार है जब पांच नगर निगमों के महापौरों का चुनाव सीधे-सीधे जनता ने किया। इससे पहले पार्षद महापौर का चुनाव करते थे। इसके अलावा हरियाणा चुनाव आयोग ने इस चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी नोटा के विकल्प को एक ‘‘छद्म उम्मीदवार’’ के तौर पर इस्तेमाल करने का भी फैसला किया, जिससे नोटा की तुलना में उम्मीदवारों के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान जरूरी हो गया। अगर नोटा के पक्ष में अधिक मत पड़ते तो फिर से चुनाव कराना पड़ता। यह चुनाव मुख्यमंत्री के लिये प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा था, जिन्होंने इस चुनाव के लिये जमकर प्रचार किया।

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अगले साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के 2019 में लोकसभा चुनावों के साथ कराये जाने की संभावना को लेकर पूछे जाने पर खट्टर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर केंद्र से ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो हम इसके लिये (विधानसभा चुनाव के लिये) तैयार हैं। लेकिन जहां तक हमारी बात है तो हमने यही कहा है कि चुनाव अपने निर्धारित समय पर होंगे।’’ पानीपत से अवनीत कौर ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी अंशु कौर पर भारी जीत दर्ज की। अंशु कौर को एक स्थानीय कांग्रेस नेता का समर्थन प्राप्त था। भाजपा उम्मीदवार को 1,26,321 मत मिले और वह 74,940 मतों के अंतर से जीतीं। जीत के तुरंत बाद अवनीत ने कहा कि पानीपत शहर को भीड़ भाड़ वाले यातायात से निजात दिलाने की योजना के साथ आना, उनकी सबसे पहली प्राथमिकता में शामिल है।

खट्टर के गृह विधानसभा क्षेत्र करनाल से रेणु बाला गुप्ता ने संयुक्त विपक्षी चुनौती का सामना किया। उन्होंने आशा वाधवा को हराया जिन्हें इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। वह 9,348 मतों के अंतर से जीतीं। हिसार से गौतम सरदाना ने रेखा ऐरेन को 28,091 मतों के अंतर से हराया। यहां विपक्षी उम्मीदवार को कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं का समर्थन प्राप्त था। रोहतक में मनमोहन गोयल ने कांग्रेस के समर्थन वाले सीताराम को 14,776 मतों के अंतर से हराया जबकि यमुनानगर में मदन सिंह ने राकेश कुमार को शिकस्त दी।

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राज्य में 10 नगर निगम हैं। इससे पहले गुरुग्राम और फरीदाबाद में नगरनिगम चुनाव हुए थे। सीमांकन के कार्य और संबंधित कानूनी विवाद के कारण सोनीपत, पंचकुला और अंबाला नगर निगमों में चुनाव होने बाकी हैं। चुनाव के नतीजों पर खुशी जताते हुए खट्टर ने कहा, ‘‘मैं हरियाणा के लोगों को बधाई देना चाहता हूं। हमारे उम्मीदवारों ने पांचों जगह जीत दर्ज की जबकि हमारे अधिकतर पार्षद भी जीते हैं। यह हरियाणा की जनता, हमारे कार्यकर्ताओं की जीत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य सरकार की नीतियों, हमारे विकास के एजेंडा और विभिन्न पहलों पर जनता का समर्थन है, जिसे पिछले चार साल में राज्य को आगे बढ़ाने के लिये उठाया गया। यह जनता की मुहर है... यह हमारी सरकार की उपलब्धियों की जीत है। जनता की सेवा करना हमारी प्राथमिकता है और भविष्य में भी यही प्राथमिकता बनी रहेगी।’’

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