सभी धर्मों पर सॉफ्ट स्टैंड: धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले नेताओं की बीजेपी ने बनाई लिस्ट, 27 को दी ऐसे बयानों से बचने की नसीहत

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अभिनय आकाश । Jun 7 2022 4:33PM

बीजेपी की तरफ से नेताओं के पिछले 8 साल यानी सितंब 2014 से 3 मई 2022 तक के बयानों को आईटी विशेषज्ञों की मदद से खंगालने का दावा किया गया है। भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 5200 बयान गैर जरूरी पाए गए। जबकि 2700 बयानों के शब्दों को संवेदनशील पाया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित करने और पार्टी के दिल्ली मीडिया सेल के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनके विवादास्पद बयानों के लिए निष्कासित करने के एक दिन बाद अब पार्टी के नेताओं में बेचैनी दिखने लगी है। कई लोगों ने दावा किया कि ये एपिसोड उन लोगों के लिए एक सबक था जो "बोलने से पहले नहीं सोचते। हालांकि राष्ट्रीय प्रवक्ताओं के लिए पार्टी द्वारा आधिकारिक तौर पर कोई सलाह या आंतरिक निर्देश जारी नहीं किया गया है। लेकिन कम से कम दो राज्य इकाइयों ने अपने प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्टों को केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आठ वर्षों के दौरान की गई उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार टेलीविजन पर होने वाली बहसों में उपस्थित रहते हुए सीमा रेखा पार न करने की हिदायत दी गई है। वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले अपनी पार्टी के 38 नेताओं की पहचान की है। इनमें 27 चुने हुए नेताओं को ऐसे बयानों से परहेज करने की नसीहत भी दी गई है।

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भाजपा के भीतर कई लोगों ने यह भी दावा किया कि सभी धर्मों के सम्मान के बारे में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के बयान को पार्टी के भीतर “फ्रिंज एलीमेंट” के लिए एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। शर्मा और जिंदल के खिलाफ कार्रवाई भाजपा द्वारा किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की निंदा करते हुए एक बयान जारी करने के तुरंत बाद हुई, और कहा जाता है कि यह मुसलमानों के खिलाफ दिए जा रहे बयानों पर पार्टी की बढ़ती बेचैनी का नतीजा है। वहीं दैनिक भास्कर के अनुसार बीजेपी की तरफ से नेताओं के पिछले 8 साल यानी सितंब 2014 से 3 मई 2022 तक के बयानों को आईटी विशेषज्ञों की मदद से खंगालने का दावा किया गया है। भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 5200 बयान गैर जरूरी पाए गए। जबकि 2700 बयानों के शब्दों को संवेदनशील पाया गया है। जबकि 38 नेताओं के बयानों को धार्मिक मान्यताओं को आहत करने वाली लिस्ट में रखा गया है। 

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हेट स्पीच देने वाले नेताओं में अनंत कुमार हेगड़े, शोभा करंदलाजे, गिरिराज सिंह, तथागत राय, प्रताप सिम्हा, विनय कटियार, महेश शर्मा, टी राजा सिंह, विक्रम सिंह सैनी, साक्षी महराज, संगीत सोम के नाम होने की बात रिपोर्ट में कही गई है। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के दो पूर्व नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित विवादित टिप्पणी के बाद पाकिस्तान समेत यूएई, जॉर्डन, सऊदी, बहरीन ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता के विवादित बयान की कड़ी निंदा की है। इससे पहले कतर, कुवैत और ईरान ने विरोध किया था। कतर, कुवैत, ईरान, सऊदी अरब, बहरीन और पाकिस्तान जैसे देशों ने वहां तैनात भारतीय दूतों को तलब किया था। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार और मक्का की ग्रैंड मस्जिद के इमाम शेख अब्दुर रहमान अल सुदैस भी बयानों की निंदा करने वालों में शामिल थे।

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