MHA की तरफ से स्वदेशी पर स्पष्टीकरण आने तक CAPF की कैंटीन में खरीद प्रक्रिया पर रोक

CAPF Canteens

निकाय ने सभी अर्द्धसैनिक या सीएपीएफ को सूचित किया है कि जो ऑर्डर दिये जा चुके हैं और जो ‘‘आपूर्ति होने वाले’’ हैं उन्हें स्वीकार किया जाएगा।

नयी दिल्ली। स्वदेशी उत्पाद को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आने तक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कैंटीनों के लिए सामानों की खरीद के सभी ऑर्डर ‘‘फिलहाल स्थगित’’ रखे गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 फरवरी को घोषित किया था कि ऐसी कैंटीन में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी ताकि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारण निकाय ने हाल में आदेश जारी कर ‘‘हर तरह की सामग्री के ऑर्डर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया और यह रोक तब तक रहेगी जब तक कि गृह मंत्रालय से स्वदेशी कंपनियों और उत्पादों को लेकर निर्देश प्राप्त नहीं हो जाता है।’’

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निकाय ने सभी अर्द्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को सूचित किया है कि जो ऑर्डर दिये जा चुके हैं और जो ‘‘आपूर्ति होने वाले’’ हैं उन्हें स्वीकार किया जाएगा। बहरहाल, पहले दिये गए जिन ऑर्डर को भेजने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, उन्हें स्थगित किया जा रहा है या फिलहाल रद्द किया जा रहा है। आदेश में कहा गया कि वर्तमान भंडारित माल को बेचने पर ‘‘भयभीत’’ होने की जरूरत नहीं है और जो माल नहीं बिका है उसे आपूर्तिकर्ता को वापस लौटाने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय पुलिस कैंटीन में वर्तमान में आपूर्ति के लिए 446 भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां पंजीकृत हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘स्वदेशी’ उत्पादों पर गृह मंत्रालय का आदेश जल्द आने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्रालय के साथ बैठक हो रही है ताकि देखा जा सके कि कैसे ‘मेक इन इंडिया’ एवं अन्य पहल का लाभ इन कैंटीन के लिए लिया जा सके जिससे घरेलू उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों और खादी उद्योग को बढ़ावा मिल सके।’’ उन्होंने कहा कि कैंटीन बोर्ड ने सामान तैयार करने वाली विभिन्न कंपनियों को पत्र लिखकर उन्हें उत्पाद के निर्माण स्थल, कच्चा माल हासिल करने के स्रोत और उत्पाद तैयार करने में क्या किसी आयातित सामान का इस्तेमाल हुआ है, इसकी जानकारी देने को कहा है। 

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केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है। इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है। सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। इन कैंटीनों के जरिए बल के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के अलावा एनएसजी भी शामिल है। वर्ष 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी। बलों की तैनाती वाले विभिन्न स्थानों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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