सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द
अदालत ने कहा, “यह प्रकाशन 30 जनवरी, 2021 को सुबह 10:08 बजे किया गया और उसी दिन रामपुर पुलिस द्वारा शाम 4:39 बजे तीन डॉक्टरों ने स्पष्टीकरण जारी किया जिसके तुरंत बाद शाम 4:46 बजे याचिकाकर्ताओं द्वारा इसे भी प्रकाशित किया गया।”
प्रयागराज| इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नई दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान एक युवक की मौत पर समाचार प्रकाशित करने के लिए ‘द वायर’ के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और रिपोर्टर इस्मत आरा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बुधवार को रद्द कर दी।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार ने सिद्धार्थ वरदराजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।
सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रकाशित खबर देखने से संकेत मिलता है कि इसमें घटना के तथ्य का उल्लेख किया गया है जिसके बाद घटना के संबंध में परिजनों के बयान और डाक्टरों द्वारा परिजनों को दी गई कथित सूचना, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इससे इनकार और उस दिन क्या हुआ, उसकी जानकारी दी गई है।”
अदालत ने कहा, “यह प्रकाशन 30 जनवरी, 2021 को सुबह 10:08 बजे किया गया और उसी दिन रामपुर पुलिस द्वारा शाम 4:39 बजे तीन डॉक्टरों ने स्पष्टीकरण जारी किया जिसके तुरंत बाद शाम 4:46 बजे याचिकाकर्ताओं द्वारा इसे भी प्रकाशित किया गया।”
अदालत ने आगे कहा, “इस खबर से यह खुलासा नहीं होता कि याचिकाकर्ताओं द्वारा कोई ऐसा विचार व्यक्त किया गया जिससे लोग भड़क सकें।
इस अदालत के समक्ष ऐसा कुछ भी पेश नहीं किया गया जिसके संकेत मिले कि याचिकाकर्ताओं की खबर या ट्वीट की वजह से आम लोगों के बीच कोई अशांति या दंगा भड़का हो।”
अदालत ने कहा, “चूंकि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप, भारतीय दंड संहिता की धारा 153-बी और 505 (2) के तहत अपराध होने का खुलासा नहीं करते, इसलिए कानून की नजर में यह टिकाऊ नहीं है और रद्द किये जाने योग्य है। इसलिए प्राथमिकी रद्द की जाती है।” उल्लेखनीय है कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब वापस ले लिया गया है) के खिलाफ आंदोलन के दौरान 26 जनवरी, 2021 को दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन हुआ और आईटीओ के निकट एक दुर्घटना में रामपुर के नवरीत सिंह डिबडिबा को गंभीर चोटें आईं और उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस का कहना है कि यह दुर्घटना डिबडिबा का ट्रैक्टर पलटने से हुई, जबकि कुछ चश्मदीद गवाहों का दावा है कि व्यक्ति की मृत्यु गोली लगने से हुई।
‘द वायर’ ने 30 जनवरी को एक खबर प्रकाशित की जिसका शीर्षक था- पोस्टमार्टम के डाक्टर ने गोली से लगी की चोट देखी, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता क्योंकि उसके हाथ बंधे हैं। यह खबर वरदराजन द्वारा 30 जनवरी, 2021 को प्रकाशित की गई और उसके अगले दिन 31 जनवरी, 2021 को संजू तुरइहा नाम के व्यक्ति की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्राथमिकी में आरोप है कि वरदराजन ने ट्वीट के जरिए लोगों को भड़काने, दंगा फैलान, चिकित्सा अधिकारियों की छवि खराब करने और कानून व्यवस्था गड़बड़ करने की कोशिश की।
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