देश में मलेरिया के मामले घटे, डेंगू व चिकुनगुनिया के मामले बढ़े

[email protected] । Mar 24 2017 5:25PM

मच्छर जनित बुखार को रोकने के लिए की जा रही कोशिशों का असर मलेरिया पर काबू करने में दिख रहा है, लेकिन डेंगू और चिकुनगुनिया साल दर साल विकराल रूप लेते जा रहे हैं।

केंद्र और राज्यों के स्तर से मच्छर जनित बुखार को रोकने के लिए की जा रही कोशिशों का असर मलेरिया पर काबू करने में दिख रहा है, लेकिन डेंगू और चिकुनगुनिया साल दर साल विकराल रूप लेते जा रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार गत तीन वर्षों के दौरान मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में अमूमन कमी देखी गई है, लेकिन डेंगू एवं चिकुनगुनिया के मामलों और इससे होने वाली मौत की संख्या में तेज वृद्धि हुई है।

लोकसभा कुछ सदस्यों की ओर से पूछ प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जो आंकड़ा पेश किया उसके मुताबिक साल 2014 में देश भर में मलेरिया के 1102205 मामले सामने आए थे जो साल 2016 में घटकर 105905 हो गया, हालांकि 2015 में यह संख्या बढ़कर 1169261 हो गई थी। मलेरिया से हुई मौत के राष्ट्रीय आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसमें कमी आती गई है। साल 2014 में मलेरिया से 562 मौत हुई तो साल 2015 में 384 और 2016 में 242 मौतें हुईं।

दूसरी तरफ, डेंगू के मामलों में स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। साल 2014 में देश भर में डेंगू के 40571 मामले दर्ज किए गए थे जो 2015 में बढ़कर 99913 हो गए। साल 2016 में डेंगू के 114812 मामले सामने आए। साल 2014 में डेंगू से 137 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 220 हो गया। साल 2016 में देश भर में डेंगू से 229 लोगों की जान गई। वर्ष 2014 में चिकुनगुनिया के 16049 मामले दर्ज किए गए जो साल 2015 में बढ़कर 27553 मामले हो गए है। साल 2016 में चिकुनगुनिया के 62631 मामले सामने आए थे।

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