सीबीआई ने हिरासत में यातना मामले में आरोप पत्र दायर किया

सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उन्हें संयुक्त पूछताछ केंद्र को सौंप दिया गया, जहां नाइको, रियाज अहमद और अन्य ने खुर्शीद को छह दिन तक प्रताड़ित किया, उन्हें बिजली के तेज झटके दिए।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक और अन्य कर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जिन्होंने दो साल पहले कुपवाड़ा में एक पुलिस जवान को हिरासत में कथित तौर पर ‘‘अमानवीय यातनाएं’’ दी थीं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बृहस्पतिवार को दायर आरोप पत्र में, सीबीआई ने पुलिस उपाधीक्षक ऐजाज अहमद नाइको और कम से कम सात अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान को मादक पदार्थों के तस्करों की मदद करने के संदेह में कुपवाड़ा संयुक्त पूछताछ केंद्र में छह दिन तक प्रताड़ित किया।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर दर्ज सीबीआई प्राथमिकी के अनुसार, बारामूला में तैनात चौहान को कथित तौर पर 17 फरवरी, 2023 को कुपवाड़ा एसएसपी को रिपोर्ट करने के लिए बुलाया गया था।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उन्हें संयुक्त पूछताछ केंद्र को सौंप दिया गया, जहां नाइको, रियाज अहमद और अन्य ने खुर्शीद को छह दिन तक प्रताड़ित किया, उन्हें बिजली के तेज झटके दिए।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई के अनुसार पीड़ित को 26 फरवरी, 2023 को दोपहर 2.48 बजे एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद, चौहान ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई को यह मामला सौंपते हुए कहा था कि उच्च न्यायालय ने ‘‘एक नागरिक के मौलिक अधिकारों, उसकी गरिमा और जीवन जीने के अधिकार की रक्षा करने के अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने में घोर चूक की है।’’
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा था कि उच्च न्यायालय किए गए अपराधों की गंभीरता और पुलिस अधिकारी होने के नाते आरोपी व्यक्तियों द्वारा प्रभाव डालने जैसी स्थिति पर विचार करने में विफल रहा।
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