नोटबंदी के सालगिरह का जश्न मनाना सरकार को ''उल्टा'' पड़ेगा: गहलोत

Celebrating the anniversary of the banquet, the government will have to ''reverse'': Gehlot

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने नोटबंदी एवं जीएसटी लागू होने के कारण सभी वर्गों विशेषकर छोटे व्यापारियों को होने वाली भारी कथित दिक्कतों की सरकार द्वारा अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि नोटबंदी के फैसले का एक वर्ष पूरा होने पर जश्न मनाना ‘‘सरकार के लिए उल्टा पड़ेगा।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने नोटबंदी एवं जीएसटी लागू होने के कारण सभी वर्गों विशेषकर छोटे व्यापारियों को होने वाली भारी कथित दिक्कतों की सरकार द्वारा अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि नोटबंदी के फैसले का एक वर्ष पूरा होने पर जश्न मनाना ‘‘सरकार के लिए उल्टा पड़ेगा। ’’ गहलोत ने देश के आर्थिक हालात की चर्चा करते हुए कहा, नोटबंदी के परिणाम उल्टे निकल रहे हैं। ऊपर से सरकार नोटबंदी के फैसले का एक साल पूरा होने पर जश्न मना रही है। सरकार को यह जश्न मनाना उल्टा पड़ेगा। लोगों के काम-धंधे नोटबंदी के कारण चौपट हो गये। उनकी नौकरियां जा रही हैं। सरकार को इस मामले में जवाब देना चाहिए। उसे अभी तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।’’

गत वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 एवं 1000 रूपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा की थी। कांग्रेस के नेतृत्व में 18 विपक्षी दलों ने इस घोषणा का एक वर्ष पूरा होने पर जहां ‘‘काला दिवस’’ मनाने की घोषण की है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने इस दिन कालाधन विरोधी दिवस (रिपीट कालाधन विरोधी दिवस) मनाने की घोषणा की है। हार्दिक की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कथित मुलाकात के बारे में पूछने पर गुजरात मामलों के प्रभारी सचिव गहलोत ने भाषा को बताया, ‘‘वैसे तो होटल में हार्दिक और राहुल गांधी की मुलाकात नहीं हुई। पर यदि यह हुई भी होती तो क्या फर्क पड़ता है। वह कोई अपराधी नहीं हैं।’’

गहलोत पूर्व में ही यह स्वीकार कर चुके हैं कि हार्दिक से उनकी मुलाकात हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुलाकात में हार्दिक ने कांग्रेस में शामिल होने की मंशा जतायी थी, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की। जिग्नेश मेवानी और हार्दिक ने कांग्रेस में शामिल होने की बात कभी नहीं की। हमने उन सबका अवश्य आह्वान किया कि वे कांग्रेस की विजय यात्रा में साथ दें।’’ उन्होंने यह भी कहा कि इन नेताओं का रूख कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा। मीडिया के एक वर्ग में यह खबर आयी थी कि गत 23 अक्तूबर को अहमदाबाद के एक होटल में हार्दिक ने राहुल के साथ गोपनीय भेंट की थी। हालांकि कांग्रेस और हार्दिक की ओर से ऐसी किसी भी मुलाकात से इंकार किया गया। गहलोत ने दावा किया कि गुजरात में तस्वीर बदल गयी है और लोगों ने मन बना लिया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को ‘‘असाधारण समर्थन’’ मिल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे मुल्क में चिंता और भय का माहौल बना हुआ है। उद्यमी, व्यापारी, किसान...हर वर्ग डरा हुआ है। पूरे देश की तरह गुजरात के किसानों की भी हालत खराब है।’’ गहलोत ने कहा कि देश भर में रोजगार की स्थिति खराब है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। दुकानें बंद हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गुजरात में छोटे उद्यमियों से मिले। इन उद्यमियों ने बताया कि उन्हें अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालना पड़ रहा है क्योंकि वेतन देने लायक काम उनके पास नहीं है। कांग्रेस नेता गहलोत ने भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा, ‘‘आप कुछ भी बोल कर एक बार तो कामयाब हो सकते हो किन्तु आपको हर बार कामयाबी नहीं मिलेगी। लोग आपकी सच्चाई जान जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जीएसटी के मामले में भी सरकार ने किसी की नहीं सुनी।

‘‘राहुलजी ने बताया कि उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सरकार के पास समझाने के लिए भेजा था। उनसे कहा गया कि यह पांच स्लेब आदि मत करिये। देश हित में जीएसटी को सरल बनाइये। हमारी बात नहीं मानी गयी। यदि सरकार हमारी बात मान लेती तो उसकी स्थिति इतनी खराब नहीं होती। पूरे देश में इतना हाहाकार नहीं मचता।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग शासनकाल में भी देश में मंदी का दौर आया था। पर उस समय की सरकार ने मंदी का असर आम लोगों को महसूस नहीं होने दिया। इसका असर अन्य देशों पर पड़ा। हमारे देश पर नहीं पड़ा। इससे पता चलता है कि अर्थव्यस्था की अच्छी नीतियों से देश को कितना फायदा मिलता है। अभी पूरे विश्व में आर्थिक मंदी का दौर नहीं चल रहा पर हमारे यहां यह है क्योंकि हमारी आर्थिक नीतियां ठीक नहीं हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा की केन्द्र एवं राज्यों की सरकारें न तो लोगों की बात सुन रही है और न ही समझ रही है।

‘‘इसी कारण वह दिनोंदिन अपने ही जाल में घिरती जा रही है।’’ नोटबंदी के बाद भाजपा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली भारी विजय की ओर ध्यान दिलाये जाने पर गहलोत ने कहा कि वहां की स्थितियां अलग इसलिए थीं क्योंकि वहां मुकाबले में चार प्रमुख दल शामिल थे। गुजरात में स्थिति भिन्न है क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा-सीधा मुकाबला है। यह पूछे जाने पर कि शंकर सिंह वाघेला का तीसरा मोर्चा क्या गुजरात चुनाव में कोई असर डाल पाएगा, गहलोत ने कहा, ‘‘उनके जाने (कांग्रेस छोड़कर) से पार्टी में शांति आयी है। गुजरात के दस में से आठ लोग कह रहे हैं कि वाघेला के जाने से कांग्रेस को फायदा मिला है।’ उन्होंने कहा कि वाघेला असम के नेता हेमंत विश्व शर्मा नहीं हैं जिनके कांग्रेस छोड़कर जाने से पार्टी पर असर पड़ा था। गहलोत ने कहा कि भाजपा ने वाघेला के ऊपर दबाव डाला है।

गुजरात चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें सबसे बड़ा मुद्दा सरकार का कुशासन है। इसके साथ साथ पटेलों का आरक्षण, दलितों के खिलाफ उत्पीड़न के बढ़ते मामले जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। कांग्रेस के पास गुजरात में कोई चेहरा नहीं होने के बारे में उन्होंने कहा कि यह भी देखने वाली बात है कि भाजपा के पास गुजरात में कौन चेहरा है? असली चेहरा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। यह पूछने पर कि कांग्रेस के पास कोई स्थानीय नेता न होने के कारण क्या गुजरात में चुनावी मुकाबला मोदी बनाम राहुल हो गया है, गहलोत ने कहा कि ऐसा नहीं है। यह चुनाव स्थानीय चुनाव है और स्थानीय ही रहेगा। हमारी तरफ से सभी प्रमुख नेता गुजरात जा रहे हैं। किंतु शासन तो स्थानीय लोग ही करेंगे। तो वास्तविक लड़ाई स्थानीय लोगों के बीच ही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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