जम्मू कश्मीर में होने वाला है कुछ बड़ा, 35ए पर मोदी सरकार लेगी फैसला?

center-is-all-set-to-take-decision-on-article-35a
अभिनय आकाश । Jul 27 2019 8:26PM

इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती ने सूबे की राजनीतिक पार्टियों को चौकन्ना कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि सरकार जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुछेद 35ए को लेकर कोई बड़ा फैसला लेने की तैयारी में हैं। जिसका जिक्र गृह मंत्री अमित शाह अक्सर हर मंच से करते आए हैं। यहां तक की भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भी धारा 370 और 35ए को हटाने की बात का जिक्र किया हुआ है।

मोदी सरकार पार्ट-2 के गठन और अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से ही जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने और 35ए को खत्म करने की बात अक्सर उठती रहती है। लेकिन केंद्र सरकार के एक फैसले से इस कवायद को बल मिल रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार ने 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। खबरों के अनुसार इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएप-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां हैं। बता दें कि हर एक कंपनी में 90 से 100 जवान मौजूद रहते हैं यानी कि प्रदेश में करीब 10 हजार अतिरिक्त जवान की तैनाती होगी। सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटे हैं। सूत्रों के अनुसार अपने दौरे के दौरान अजीत डोभाल ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की थी। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आनी तेज हो गई हैं।

इसे भी पढ़ें: कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के अदम्स साहस और शौर्य की कहानी

कभी भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री रहीं महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। महबूबा ने ट्वीट कर कहा है कि घाटी में 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करने की आवश्यकता है। वहीं दूसरी तरफ नौकरशाही छोड़कर राजनीति में उतरे और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन करने वाले शाह फैसल ने भी सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया दी है। फैसल ने ट्विटर पर लिखा कि घाटी में अचानक सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के गृह मंत्रालय के फैसले से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। कोई नहीं जानता कि यह तैनाती क्यों की जा रही है। ऐसी अफवाहें हैं कि घाटी में कुछ भयानक घटित हो सकता है। क्या अनुच्छेद 35ए को लेकर। हालांकि जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती एक रूटीन प्रक्रिया है। कश्मीर में ट्रेनिंग करने वाली कंपनियों को राहत देने के लिए ऐसा किया गया है। पंचायत चुनाव के बाद से ही यह चल रहा है।

इसे भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय बलों के दस हजार जवान भेजे

मगर अचानक इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती ने सूबे की राजनीतिक पार्टियों को चौकन्ना कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि सरकार जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुछेद 35ए को लेकर कोई बड़ा फैसला लेने की तैयारी में हैं। जिसका जिक्र गृह मंत्री अमित शाह अक्सर हर मंच से करते आए हैं। यहां तक की भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भी धारा 370 और 35ए को हटाने की बात का जिक्र किया हुआ है। गौरतलब है कि अमित शाह कुछ अलग तरह के गृह मंत्री हैं और पारंपरिक राजनीति में विश्वास नहीं रखते हैं। जम्मू कश्मीर की समस्या पर वर्तमान सरकार के नजरिए को स्पष्टता से रखते हुए अमित शाह ने सदन में भी साफ कर दिया था कि एकता अखंड और संप्रुभता के सूत्र में भारत को बांधना है और इसमें धारा 370 सबसे बड़ी अड़चन है। अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को टॉप एजेंडे में रखा है। दो दिनों के अपने दौरे से लौटने के बाद भी गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 को एक अस्थाई व्यवस्था करार दिया था।

इसे भी पढ़ें: सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में जैश का शीर्ष कमांडर ढेर

सूत्रों की मानें तो किसी भी हंगामे से बचते हुए जम्मू-कश्मीर में 35ए को समाप्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रभावशाली कार्ययोजना तैयार करने के लिए संबंधित अधिकारियों की एक बैठक 15 अगस्त के बाद बुलाई है। खबर यह भी है कि गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों और कानून विदों को एक रोडमैप तैयार करने के लिए कहा है। इससे पहले भी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने एक बयान में कहा था कि यह केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है कि वह अनुच्छेद 35ए पर कोई भी फैसला ले सकती है। भाजपा का इस मुद्दे पर स्टैंड स्पष्ट है। हम इसे समाप्त करने के पक्षधर हैं और इस दिशा में जो उचित होगा, कदम उठाया जा रहा है और उठाया जाएगा। बहरहाल, जो भी हो लेकिन कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती और 35ए समाप्त करने की लगाई जा रही अटकलों ने सूबे का सियासी पारा जरूर बढ़ा दिया। ऐसे में सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर क्या फैसला करती है ये वक्त के साथ साफ हो जाएगा। 

 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़