केंद्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दरकिनार कर कानून बना रहा : Priyanka Gandhi

Priyanka Gandhi
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प्रियंका ने यह भी कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री के लोग’’ भारत के उस संविधान को बदलने की बात बड़े ‘‘अभिमान से’’ करते हैं, जो ‘‘हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के खून से लिखा गया।’’ उन्होंने चालकुडी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बेन्नी बेहनन के लिए प्रचार करते हुए कहा, ‘‘वे भारत के संविधान को अपने लालच और महत्वाकांक्षा का साधन मानते हैं, जैसे कि यह कोई कागज का टुकड़ा हो।’’

त्रिशूर। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर शनिवार को आरोप लगाया कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर कानून ला रही है और उन्हें लोगों की इच्छा के विरुद्ध उन पर लागू कर रही है। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनकी सरकार बलात्कारियों को बचा रही है। उन्होंने दावा किया कि नीतियां प्रधानमंत्री के ‘‘एकाधिकारी मित्रों’’ को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं, जबकि जनता को बेरोजगारी और गरीबी की ओर धकेला जा रहा है। 

प्रियंका ने यह भी कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री के लोग’’ भारत के उस संविधान को बदलने की बात बड़े ‘‘अभिमान से’’ करते हैं, जो ‘‘हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के खून से लिखा गया।’’ उन्होंने चालकुडी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बेन्नी बेहनन के लिए प्रचार करते हुए कहा, ‘‘वे (भाजपा) भारत के संविधान को अपने लालच और महत्वाकांक्षा का साधन मानते हैं, जैसे कि यह कोई कागज का टुकड़ा हो।’’ प्रियंका ने कहा कि जब वह भारत के संस्थापक सिद्धांतों के तबाही के कगार पर होने की बात करती हैं, तो कुछ लोग उनसे कहते हैं कि नया भारत बन रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें जिस नए भारत के बारे में बताया जा रहा है, वह ऐसा भारत है जहां ताकत, सच्चाई पर हावी रहती है, लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दरकिनार कर कानून बनाए जाते हैं और इन्हें लोगों पर उनकी इच्छा के विरुद्ध लागू किया जाता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस नए भारत में ‘‘सत्ता में बैठे लोग महिलाओं को बताते हैं कि क्या पहनना है, वे ऐसे कानूनों का प्रचार करते हैं, जो महिलाओं की गतिविधियों को पुलिस में दर्ज कराने की बात करते हैं और वे यह तय करने का अधिकार होने का दावा करते हैं कि महिलाएं किससे प्रेम कर सकती हैं और किससे शादी कर सकती हैं।’’ 

प्रियंका ने कहा, ‘‘सरकार बलात्कारियों की रक्षा करती है और महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों का बचाव करती है, वे उत्पीड़न की पीड़िताओं के चरित्र पर सवाल उठाकर अपने प्रशासन की पूरी ताकत का उपयोग करके जघन्य अपराधों की पीड़िताओं को बदनाम करते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बुनियादी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के कारण आम नागरिक अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रहा है। प्रियंका ने कहा, ‘‘हमें झूठे आंकड़े दिए जाते हैं और हमें अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था का जश्न मनाने के लिए कहा जाता है।’’ 

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उन्होंने चुनावी बॉण्ड का जिक्र करते हुए इसे ‘‘जबरन वसूली’’ का एक रूप बताया और आरोप लगाया कि कानून की रक्षा करने वाली सरकारी एजेंसियों को ‘‘गैरकानूनी तरीके से जबरन वसूली करने वालों में बदला जा रहा है’’ और इन्हें असहमति की आवाज को दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस नए राष्ट्र में संस्थाओं को घुटनों पर ला दिया गया है, न्यायपालिका को धमकाया गया है और जिन्हें हमारी स्वतंत्रता की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्हें चुप करा दिया गया है।’’ 

प्रियंका ने केंद्र पर कथित चीनी अतिक्रमण को लेकर लद्दाख में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चुप रहने का भी आरोप लगाया और कहा कि किसानों की आवाज केवल तभी सुनी जाती है, जब चुनाव करीब आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस नए राष्ट्र में असहमति की आवाजें दबा दी जाती हैं। सरकार उन लोगों को परेशान करती है, उन पर आरोप लगाती है और उन्हें जेल में डाल देती है, जो उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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