असम में टोल गेट के बंद होने पर केंद्र को राजमार्गों में निवेश निकालना पड़ गया था: सरमा

 Assam Sarma

केंद्र सरकार ने असम में राष्ट्रीय राजमार्ग में निवेश पांच साल पहले तकरीबन निकाल लिया था क्योंकि राज्य के ‘टोल गेट’ स्थानीय लोगों और संगठनों के प्रदर्शन के चलते संचालित नहीं हो पा रहे थे।

गुवाहाटी। केंद्र सरकार ने असम में राष्ट्रीय राजमार्ग में निवेश पांच साल पहले तकरीबन निकाल लिया था क्योंकि राज्य के ‘टोल गेट’ स्थानीय लोगों और संगठनों के प्रदर्शन के चलते संचालित नहीं हो पा रहे थे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले राज्य सरकार के कार्यकाल के अंतिम हिस्से में जाकर ये टोल गेट संचालित हो सकें, जिससे फिर से राजमार्गों के लिए धन का प्रवाह शुरू हो गया। सरमा ने कहा, ‘‘केंद्र ने हमे सूचित किया था कि असम सरकार जब तक टोल गेट नहीं खोलती है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जरिए कोई धन नहीं दिया जएगा।

इसे भी पढ़ें: चीन के साथ समझौता भंग होने वाली खबर झूठी और बेबुनियाद, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर है भारतीय सेना की नजर

यह करीब पांच साल पहले की बात है जब केंद्र सरकार ने राजमार्गों से अपना सारा निवेश तकरीबन निकाल लिया था।’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासन के दौरान राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल गेट बनाये गये थे, लेकिन स्थानीय लोगों और कई संगठनों के विरोध के चलते इन्हें बंद करना पड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि टोल गेट पर कर अदा करने से आम आदमी पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।

इसे भी पढ़ें: पेंशनरों को अब व्हाट्सएप के जरिये भी मिल सकेगी पेंशन पर्ची

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में शून्य काल में एक चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पुरातत्व, संग्रहालय और ऐतिहासिक एवं प्राचीन वस्तुएं अध्ययन निदेशालयों को प्रस्तावित मूलवासी आस्था एवं संस्कृति विभाग के तहत लाया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़