केन्द्र सरकार ने शुरु की गरीब कल्याण रोजगार अभियान, मध्य प्रदेश सहित छह राज्य शामिल

 poor welfare employment campaign
दिनेश शुक्ल । Jun 20 2020 9:39PM

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों ने कोविड-19 के दौर में परेशानियों के बावजूद अपने गांव लौटकर आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए काफी कुछ कार्य कर दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कुछ श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि आप इस सदी के महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। अभी तक आप शहरों को चमका रहे थे, अब अपने ग्राम को चमकाईये।

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों को अपने मूल निवास स्थान और गृह प्रदेश में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंस कर ई-शुभारंभ किया। इस अभियान में मध्य प्रदेश सहित उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड और ओड़िसा राज्यों के 116 जिलों में वर्ष में 125 दिवस का रोजगार दिया जाएगा। अभियान के अंतर्गत उन जिलों का चयन किया गया है जहां से 25 हजार से अधिक श्रमिक रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों में जाते हैं। अभियान के ई-शुभारंभ के अवसर पर मंत्रालय, भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। संबंधित छह राज्यों के मुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री भी उपस्थित थे।

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इस अभियान में मध्य प्रदेश के 24 जिले शामिल है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के चयनित इन 24 जिलों में बालाघाट, झाबुआ, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, सागर, पन्ना, भिण्ड, अलिराजपुर, बैतूल, खण्डवा, शहडोल, धार, डिण्डोरी, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, खरगोन, शिवपुरी, बड़वानी, सीधी और सिंगरौली शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों ने कोविड-19 के दौर में  परेशानियों के बावजूद अपने गांव लौटकर आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए काफी कुछ कार्य कर दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कुछ श्रमिकों से चर्चा करते  हुए कहा कि आप इस सदी के महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। अभी तक आप शहरों को चमका रहे थे, अब अपने ग्राम को चमकाईये। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अभियान शुरु करने की प्रेरणा उन्हें एक ऐसे श्रमिक से मिली जो उत्तरप्रदेश में अपने गांव लौटकर पीओपी और मकानों की भीतरी साज-सज्जा के कार्य में दक्ष है। इस श्रमिक ने लॉकडाउन की अवधि में अपने ग्राम में हुनर का परिचय देते हुए कायाकल्प कर डाला।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत 25 कार्य क्षेत्र चुने गए हैं जो गांव के लोगों के जीवन के बेहतर बनाने का कार्य करेंगे। इन कार्यों में सामुदायिक शौचालय, आँगनबाड़ी केंद्र, कुँआ निर्माण, ग्रामीण मंडी की स्थापना, पशु शेड,पंचायत भवन, पेयजल प्रबंधन, वृक्षारोपण और सड़़क निर्माण जैसे कार्य शामिल रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक देश एक राशन कार्ड, उज्जवला योजना में रसोई गैस सुविधा, करीब 80 करोड़ आबादी को अन्न प्रदाय और जनधन खातों को आधार से लिंक किए जाने के फलस्वरूप हितग्राहियों को आज कोविड-19 की परिस्थितियों में लाभान्वित करने में आसानी हुई है। आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान आवश्यक है इसलिए किसानों को बाजार से जोड़कर ज्यादा दाम दिलवाने के प्रयास किए गए।

केन्द्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि देश के 116 जिलों के सार्वजनिक सेवा केन्द्रों और पंचायतों में श्रमिकों ग्रामवासियों को प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन घोषित होने के पश्चात पैकेज घोषित कर आर्थिक व्यवस्था को बल देने का कार्य किया। इसके अच्छे परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे। प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व में राज्यों से मिलकर रणनीति पर क्रियान्वयन किया जा रहा है। बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने का यह महत्वपूर्ण कदम है।

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गरीब कल्याण रोजगार अभियान के शुभारंभ अवसर पर मध्य प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों से केन्द्र सरकार को अवगत करवाया गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना 2020 के अंतर्गत मध्यप्रदेश के मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान जो अन्य राज्यों में फंसे हैं, उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये 1 हजार रूपये की राशि अंतरित की गई। प्रवासी मजदूरों के लिए शासकीय व्यय पर 150 स्पेशल ट्रेनों एवं बसों के माध्यम से प्रदेश के 6 लाख से भी अधिक श्रमिकों को वापिस लाया गया। दूसरे राज्यों के श्रमिक जो पैदल अथवा किसी अन्य साधन से मध्य प्रदेश की सीमा पर पहुंचे ऐसे लगभग 5 लाख 25 हजार मजदूरों को 20 हजार से अधिक बसें लगाकर सीमावर्ती राज्यों की सीमा तक छोड़ा गया। प्रवासी मजदूरों के गाँव आने पर हेल्थ चेक अप कराने के पश्चात क्वारेंटाइन केंद्र में आवास, भोजन, उपचार की उचित व्यवस्था की गई। 

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प्रवासी मजदूरों एवं सभी ग्रामीण लोगों के रोजगार के लिए मनरेगा के अंतर्गत अब तक लगभग 22 हजार 537 ग्राम पंचायतों में 1.95 लाख से अधिक कार्य प्रारंभ हो चुके हैं और इनसे माह अप्रैल से अब तक प्रतिदिन औसतन 25.14 लाख मजदूरों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। अभी तक कुल 1862 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है जिसमें से 1256 करोड़ राशि का भुगतान मजदूरी के लिए किया गया। प्रवासी मजदूरों को अब तक 3.64 करोड़ से अधिक क्विंटल खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। कुल 1.88 लाख लोगों को (83 लाख खाद्यान्न पैकेट) उपलब्ध भोजन पेकेट उपलब्ध करवाए गए । रोजगार सेतु योजना भी ऐसे  प्रवासी मजदूरों की पहचान, पंजीयन, उनकी दक्षता और कौशल के अनुसार रोजगार दिलाने के लिए चल रही है। रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से मजदूर एवं नियोक्ता कंपनी एक दूसरे से सीधे संपर्क कर रोजगार प्राप्त करने के संबंध में समन्वय स्थापित कर सकते हैं। अब तक 13.09 लाख मजदूर एवं 14,750 मजदूर रोजगार प्रदाय कर्ता पोर्टल में पंजीबद्ध हो चुके हैं। लगभग 3 हजार मजदूरों ने  कौशल के आधार पर इस पोर्टल के जरिए रोजगार प्राप्त कर लिया है।

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