केंद्रीय टीमें राज्यों में सूखे की स्थिति का निरीक्षण करेंगी

देश में सूखे से ग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय दल इस साल जून तक पानी की स्थिति का अध्ययन करेंगे और आपदा से निपटने के लिए भावी कार्रवाई की एक लंबी अवधि की योजना तैयार करेंगे।

देश में सूखे से ग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय दल इस साल जून तक पानी की स्थिति का अध्ययन करेंगे और आपदा से निपटने के लिए भावी कार्रवाई की एक लंबी अवधि की योजना तैयार करेंगे। एक औपचारिक बयान में आज यह जानकारी दी गई है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के दलों को सूखा पड़ने की वजहों का विश्लेषण करने तथा जल स्रोतों के प्रबंधन की चुनौतियों की पहचान करने का काम दिया गया है।

बयान में कहा गया है कि जल संबंधी सूचनाओं और जल स्रोतों को फिर से भरने के बीच के अंतर को देखेगा, लंबी अवधि के उपाय बताएगा और संरक्षण के उपाय सुझाएगा। इसी के साथ, जल निकायों के प्रबंधन और बहाली के बारे में भी सुझाव देगा। उसमें कहा गया है कि दलों से संभव विकल्पों की लंबे समय तक काम करने की योजना को भी तैयार करने के लिए कहा है। बयान में कहा गया है कि वे एक पखवाड़े में अपनी रिपोर्ट को सीडब्ल्यूसी और सीजीडब्ल्यूबी के अध्यक्षों को सौंपेंगे जो अपनी टिप्पणियों के साथ इसे (जल संसाधन) मंत्रालय को जमा कराएंगे। यह कवायद जून 2016 तक लगातार जारी रहेगी। सरकार जल दवाब संकेतक और राज्यों की सलाह के आधार पर निरीक्षण के लिए क्षेत्रों का चुनाव करेगी। दलों में एक अधिकारी राज्य जल संसाधन विभाग से होगा।

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