Chandrababu Naidu के अलावा बीते कुछ वर्षों में कई नेता हुए है अरेस्ट, Manish Sisodia, Azam Khan ले लेकर चिदंबरम भी शामिल

Chandrababu Naidu
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रितिका कमठान । Sep 10 2023 1:05PM

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार के दौरान करोड़ों रुपये के राज्य कौशल विकास निगम घोटाले का आरोप है। इस घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर शनिवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से राज्य में माहौल गरमाया हुआ है।

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच विजयवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत कक्ष में खुद को पाया। यह कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में पिछले दिन उनकी गिरफ्तारी के बाद हुआ।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार के दौरान करोड़ों रुपये के राज्य कौशल विकास निगम घोटाले का आरोप है। इस घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर शनिवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से राज्य में माहौल गरमाया हुआ है। बता दें कि वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली सरकार पर नायडू ने आरोप लगाया था कि वो उनकी गिरफ्तारी करवा सकती है। इस आरोप के कुछ ही दिन बाद ये कार्रवाई हुई है। इस संबंध में टीडीपी प्रमुख ने वाईएसआरसीपी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ बार-बार टकराव हुआ है।

बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब किसी विपक्षी नेता को गिरफ्तार किया गया है। खासतौर से अनियमितताओं या भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में ये कार्रवाई हुई है। देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अन्य विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी के मामलों की तरह, टीडीपी ने भी कहा है कि नायडू की गिरफ्तारी "राजनीतिक प्रतिशोध" का परिणाम है।

बीते कुछ सालों में हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियों पर नजर

मनीष सिसोदिया

इस वर्ष फरवरी में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सिसौदिया उस समय दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे। सिसोदिया ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के "तैयार करने और कार्यान्वयन" में कथित अनियमितताओं के आरोप लेकर सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया पर "रिश्वत" और "कमीशन" के बदले शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप है। फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों में आप पार्टी ने उपयोग किया था। बाद में उन्हें ईडी ने हिरासत में भी ले लिया गया था। 

हालांकि, सिसौदिया और आप ने आरोपों से इनकार किया है। इसे "लोकतंत्र के लिए काला दिन" बताते हुए पार्टी ने दावा किया कि यह मामला सत्तारूढ़ भाजपा के विरोधियों के खिलाफ "राजनीति से प्रेरित" था। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मनीष निर्दोष है। उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है। आप ने सिसौदिया की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में कई विरोध प्रदर्शन किए।

सत्येंद्र जैन

मनी लॉन्ड्रिंग मामले पिछले साल मई में ईडी ने आम आदमी पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन को चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है। पार्टी ने तब यह भी दावा किया था कि जैन की गिरफ्तारी "हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में आप को बदनाम करने" के लिए राजनीति से प्रेरित थी। बता दें कि इस वर्ष सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य कारणों से अदालत ने जमानत दी थी।

जिग्नेश मेवाणी 

दलित कार्यकर्ता से नेता बने जिग्नेश मेवाणी को अप्रैल 2022 में गुजरात में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ एक भाजपा नेता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने अकाउंट से एक कथित ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी के हत्यारे को आदर्श मानने का आरोप भी लगा था। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कहा कि मेवाणी उस समय के एक स्वतंत्र विधायक थे, जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए, उन पर "सार्वजनिक शांति और शांति" को भंग करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। गिरफ्तारी के बाद मेवानी को फ्लाइट से गुवाहाटी ले जाया गया था। इसके बाद सड़क मार्ग से कोकराझार जिला ले जाया गया, जहां एक स्थानीय अदालत ने उन्हें तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था।

कुछ दिनों बाद, मेवाणी को कोकराझार अदालत ने जमानत दे दी थी। मगर एक महिला पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर बारपेटा जिले में दायर एक नए मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया था। इस बार महिला ने "मारपीट" करने और "उन्हें अपमानित करने" का आरोप लगाया था।

नवाब मलिक

फरवरी 2022 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के तत्कालीन मंत्री नवाब मलिक को ईडी ने अंडरवर्ल्ड डॉन और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। तब विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने आरोप लगाया था कि मलिक ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट के दोषी दाऊद के साथ संपत्ति का सौदा किया था। हालांकि इन आरोपों को दरकिनार करते हुए राकांपा ने मलिक की गिरफ्तारी को ''सत्ता के दुरुपयोग'' और ''राजनीतिक विरोधियों को चुप कराने के लिए दबाव की रणनीति'' का एक और उदाहरण बताते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

अनिल देशमुख

ईडी ने एनसीपी लीडर अनिल देशमुख को नवंबर 2021 मं गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 12 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। मंत्री के तौर पर मुंबई में बार मालिकों से अवैध रूप से रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि देशमुख ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा। आर्थर रोड जेल में एक साल से अधिक समय बिताने के बाद उन्हें जमानत मिली और रिहा किया गया।

आजम खान

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ कई आरोपों में कुल 81 मामले दर्ज हुए है। उनके खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण, जमीन पर कब्जा करने, धोखाधड़ी और आपराधिक अतिक्रमण कई मामले दर्ज हैं। आजम को उनकी पत्नी और तत्कालीन सपा विधायक तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला के साथ जन्म प्रमाण पत्र में कथित जालसाजी के मामले में फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। आजम को मई 2022 में जेल से रिहा किया गया था। तंजीन को दिसंबर 2020 में और अब्दुल्ला को जनवरी 2022 में जेल से रिहा किया गया था।

डीके शिवकुमार

कर्नाटक कांग्रेस के डी के शिवकुमार को नई दिल्ली सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कांग्रेस नेता को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उनसे पूछताछ की गई थी। उनकी गिरफ्तारी 2017 में आयकर विभाग की जांच के बाद 2018 में ईडी द्वारा दर्ज एक मामले से जुड़ी थी, जहां दिल्ली में कथित तौर पर शिवकुमार से जुड़े स्थानों पर 8.83 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी पाई गई थी।

पी चिदंबरम

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को अगस्त 2019 में आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने मई 2017 में एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था, जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।

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