विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे नायडू, अब अखिलेश से करेंगे मुलाकात
अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिये तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से गुरुवार को मुलाकात के बाद जल्द ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात होगी।
नयी दिल्ली। अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिये तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से गुरुवार को मुलाकात के बाद जल्द ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात होगी। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि गुरुवार को देर शाम अखिलेश लखनऊ से दिल्ली पहुंच गये हैं। उन्होंने बताया कि नायडू ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की स्वागतयोग्य पहल करते हुये सपा संरक्षक मुलायम सिंह से मुलाकात की। जल्द ही नायडू की सपा अध्यक्ष अखिलेश से भी मुलाकात होगी।
पार्टी के एक अन्य नेता ने बताया कि अखिलेश और नायडू की मुलाकात का समय तय किया जा रहा है। दोनों नेताओं की गुरुवार रात या शुक्रवार को मुलाकात हो सकती है। सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने भी नायडू की पहल को स्वागतयोग्य बताते हुये कहा कि नायडू परिवपक्व नेता हैं। वह किसी भी लक्ष्य को अभियान के रूप में पूरा करते हैं। उन्होंने भाजपा द्वारा जनता को गुमराह कर उसके साथ वादाखिलाफी करने से देश में उपजी नाराजगी को देखते हुये विपक्ष को एकजुट करने की पहल की है। विपक्षी दल भी मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर एकजुट हो रहे हैं और हम इसमें कामयाबी के प्रति आश्वस्त हैं।
उल्लेखनीय है कि नायडू ने गुरुवार को राहुल गांधी और मुलायम सिंह यादव के अलावा राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से भी मुलाकात की। नायडू बसपा प्रमुख मायावती से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं। इस बीच अन्य विपक्षी दलों ने भी नायडू की पहल का स्वागत किया है। भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुशासन से देश को मुक्ति दिलाने के लिये धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों में भरोसा करने वाले विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिये नायडू की यह पहल कारगर साबित होगी।
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी इसे अच्छी शुरूआत बताया। सिंह ने हालांकि कांग्रेस के रवैये पर संदेह व्यक्त करते हुये कहा कि भाजपा को हराने के लिये विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं, यह अच्छी शुरूआत है लेकिन इसे कारगर बनाने के लिये कांग्रेस को अपना रुख साफ करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल आप किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
अन्य न्यूज़