चिदंबरम के प्रस्ताव को मनमोहन कैबिनेट ने खारिज कर दिया थाः अय्यर

Chidambaram wanted Instrument of Accession to be basis of talks with people of J&K: Aiyar
[email protected] । Sep 28 2017 10:31AM

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) में एक नोट पेश कर जम्मू-कश्मीर के लोगों से वार्ता का प्रस्ताव दिया था।

जम्मू। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) में एक नोट पेश कर जम्मू-कश्मीर के लोगों से वार्ता का प्रस्ताव दिया था और इसका आधार राज्य को भारत का हिस्सा बनाए जाने के पत्र (इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन) को बनाना चाहते थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि चिदंबरम ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ को ‘‘विश्वास बहाली उपायों की जननी’’ बनाना चाहते थे, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ को शुरूआती बिंदु मानकर कश्मीर पर वार्ता शुरू की जानी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोगों से पूछा जाना चाहिए कि वे किन केंद्रीय कानूनों को बरकरार रखना चाहते हैं और किन्हें खत्म करना चाहते हैं। अय्यर ने कहा, ‘‘हमें डरे बिना ठोस वार्ता की शुरूआत करनी चाहिए। तब आप किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें इस मुद्दे को सुलझाना है तो इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन, जिस पर 1947 में दस्तखत हुए, को ध्यान में रखा जाना चाहिए और वहां से हमें शुरू करना चाहिए। फिर हमें चर्चा करनी चाहिए कि आप (जम्मू-कश्मीर के लोग) किसे (कानून को) रखना चाहते हैं और आप किसे नहीं रखना चाहते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चिदंबरम जब मंत्री थे तो उन्होंने कैबिनेट की सुरक्षा समिति में एक गुप्त नोट पेश किया था। इसे खारिज कर दिया गया और अब उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया है और अपनी स्थिति साफ कर दी है कि सरकार को 1947 से शुरू कर जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास जाना चाहिए। उन्होंने व्यापक स्वायत्तता की सिफारिश की।’’

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