मुख्य सचिव बतायें, किस कानूनी प्रावधान के तहत महापौर चुनाव मामले में सरकार की अनदेखी की : भारद्वाज

Saurabh Bhardwaj
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‘आप’ सरकार, पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सात मई तक न्यायिक हिरासत में होने के कारण मामला लंबित था।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज नेएमसीडी महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल सीधे उपराज्यपाल कार्यालय भेजे जाने के बाद बुधवार को मुख्य सचिव से पूछा है कि उन्होंने किस कानूनी प्रावधान के तहत इस मामले में निर्वाचित सरकार की अनदेखी की। अधिकारियों यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि शहरी विकास मंत्री भारद्वाज ने बुधवार शाम छह बजे तक मुख्य सचिव से स्पष्टीकरण देने को कहा। मंगलवार को ‘आप’ नेता ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि मुख्य सचिव ने उनकी अनदेखी करते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित फाइल सीधे उपराज्यपाल कार्यालय भेज दी।

पत्र में भारद्वाज ने सक्सेना से अनुरोध किया कि वह फाइल लौटाते हुए निर्देश दें कि यह शहरी विकास मंत्री के पास से होते हुए दोबारा भेजी जाए। एमसीडी मेयर का चुनाव शुक्रवार को होना है, हालांकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए अब तक सक्सेना के कार्यालय से मंजूरी नहीं मिली है।

‘आप’ सरकार, पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सात मई तक न्यायिक हिरासत में होने के कारण मामला लंबित था। 250 सदस्यीय एमसीडी पर 137 पार्षदों के साथ आप का शासन है जबकि भाजपा के 105 पार्षद हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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