Prabhasakshi Exclusive: China ने जासूसी गुब्बारा भेज कर US Air Defence System को तोड़ कर दिखा दिया

ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि चीन ने भारत और जापान समेत कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत समेत अपने मित्रों एवं सहयोगियों को चीनी गुब्बारे संबंधी जानकारी से अवगत कराया है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहा कि चीन के जासूसी बैलूनों का अमेरिका और ताइवान पहुँचना क्या दर्शाता है। हमने यह भी जानना चाहा कि बताया जा रहा है कि चीनी गुब्बारों ने भारत की भी जासूसी की इसलिए भारत को चीन की ओर से ऐसी जासूसी के प्रति कैसे सतर्क रहना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि गुब्बारे से जासूसी कोई पहली बार नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट अत्यधिक ऊँचाई पर होने के कारण उतनी साफ तस्वीरें नहीं भेज सकते जितनी इस जासूसी गुब्बारे से ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि चीनी जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका के एयर डिफेंस को भेद कर दिखा दिया है कि वह अमेरिका के कितने करीब पहुँच सकता है। उन्होंने कहा कि आज गुब्बारे में जासूसी उपकरण हैं कल को इसमें विस्फोटक भी भेजे जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपने संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर मंडरा रहे चीनी निगरानी गुब्बारे को नष्ट कर दिया लेकिन यह बात भी सामने आई है कि अमेरिकी वायु क्षेत्र में चीनी निगरानी गुब्बारों के उड़ने के चार मामले पहले भी सामने आ चुके हैं और अमेरिका में हाल में नष्ट किया गया चीनी गुब्बारा ‘‘कई साल’’ से जारी चीन के बड़े निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था। ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इसके अलावा इस प्रकार की भी रिपोर्टें हैं कि चीन ने भारत और जापान समेत कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत समेत अपने मित्रों एवं सहयोगियों को चीनी गुब्बारे संबंधी जानकारी से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा है कि गुब्बारे से निगरानी के प्रयास के तहत ‘‘जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपीन समेत कई देशों और चीन के लिए उभरते रणनीतिक हित वाले क्षेत्रों में सैन्य संपत्तियों संबंधी जानकारी एकत्र की गई है।’’ यह रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों से ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के साक्षात्कार पर आधारित है।
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उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वायु सेना द्वारा संचालित इन निगरानी यान को पांच महाद्वीपों में देखा गया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ‘‘ये गुब्बारे पीआरसी (चीनी जनवादी गणराज्य) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिन्हें निगरानी अभियान चलाने के लिए विकसित किया गया है और इन्होंने अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।’’
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