DY Chandrachud: CJI ने दी जांच एजेंसियों के काम पर जताई नाखुशी, दे डाली बड़ी नसीहत

CJI DY Chandrachud
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उन्होंने देश में काम कर रही जांच एजेंसियों को लेकर कहा है की इन एजेंसियों को उन मामलों में मुस्तैदी से कार्रवाई करनी चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए है। खासतौर से un मामलों पर गौर करना चाहिए जो सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बने है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने देश में काम कर रही जांच एजेंसियों को लेकर कहा है की इन एजेंसियों को उन मामलों में मुस्तैदी से कार्रवाई करनी चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए है। खासतौर से un मामलों पर गौर करना चाहिए जो सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बने है।

20वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर में अपने संबोधन के दौरान सीजेआई ने कहा कि तलाशी और जब्ती की जांच एजेंसियों की शक्तियों और किसी व्यक्ति की निजता के बीच संतुलन बैठना जरूरी है। इस व्यवहार से निष्पक्ष समाज की आधारशिला बनेगी। कई कानूनी प्रक्रियाओं में देरी होती है जिससे निपटने के लिए व्यवस्थित रणनीति तैयार होनी चाहिए।

गौरतलब है कि कई ऐसे लोग हैं जिन पर कानून के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए जा चुके हैं। ऐसे आरोप लगने के बाद लोगों की जिंदगी और प्रतिष्ठा को नुकसान भी पहुंचा है। कानूनी प्रक्रिया में होने वाली देरी के कारण न्याय मिलने में भी अधिक समय लगता है जो की एक बड़ी बाधा है। सीबीआई के मामलों के निपटने में देरी को दूर करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार करने की जरूरत है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि अगर राजनीति तैयार होगी तो लंबित मामले में लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा और लोग न्याय पाने से वंचित नहीं रहेंगे।

वह संघीय जांच एजेंसी के पहले निदेशक की स्मृति में 20वें डी पी कोहली व्याख्यान में मुख्य भाषण दे रहे थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आपराधिक न्याय क्षेत्र में, तलाश और जब्ती शक्तियों तथा व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों के बीच बहुत नाजुक संतुलन है और यह एक निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण समाज की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि इस संतुलन के मूल में उचित प्रक्रिया को बनाए रखने की आवश्यकता है। सीजेआई ने कहा, मुझे लगता है कि चीजों में तेजी से बदलाव के बावजूद,पिछले कुछ वर्षों में हमारी जांच एजेंसियों की व्यापकता का दायरा बहुत कम रहा है। हमारी प्रमुख जांच एजेंसियों को ऐसे अपराधों पर ध्यान देना चाहिए जो असल में राष्ट्र की सुरक्षा, आर्थिक स्थिति और लोक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।’’ इससे पहले, सीजेआई ने छह कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 29 सीबीआई अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए।

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