कश्मीरियों पर हमलों के खिलाफ बुलाए गए बंद का आम जनजीवन पर असर

clashes-called-against-attacks-on-kashmiris-impact-on-common-life

उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की खबरें मिली हैं। कई व्यापारिक संगठनों ने जम्मू और राज्य से बाहर कश्मीरियों पर हमले के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया था।

श्रीनगर। पुलवामा हमले के बाद जम्मू और राज्य से बाहर कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न और हमलों के विरोध में व्यापारिक संगठनों के बंद के चलते रविवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ। कश्मीर बंद को कश्मीर इकॉनोमिक अलायंस और कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैनुफैक्चरर्स फेडेरेशन के अलावा ट्रांसपोर्टरों की एसोसिएशनों जैसे व्यापारिक संगठनों का समर्थन हासिल है। अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे।

उन्होंने कहा कि इस दौरान सार्वजनिक परिवहन बंद रहा और कैब तथा ऑटो-रिक्शा भी बड़े पैमाने पर सड़कों से नदारद रहे। हालांकि, ज्यादातर इलाकों में निजी कारें चलती दिखाई दीं। अधिकारियों ने कहा कि बंद का साप्ताहिक बाजार पर भी असर दिखाई दिया और किसी भी विक्रेता ने टीआरसी चौक बटमालू में दुकान नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की खबरें मिली हैं। कई व्यापारिक संगठनों ने जम्मू और राज्य से बाहर कश्मीरियों पर हमले के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया था। 

इसे भी पढ़े: बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हुए मेजर की अगले महीने होनी थी शादी

कथित उत्पीड़न और हमलों के विरोध में शनिवार दोपहर 3 बजे के बाद लाल चौक सिटी सेंटर और आसपास के इलाकों में बंद का असर दिखा। व्यापारियों ने हमलों की निंदा करने के लिए मार्च भी निकाला। उन्होंने कश्मीरी कारोबारियों और छात्रों की सुरक्षा की मांग की। उन्होंने जम्मू में कश्मीरियों पर हमलों को तुरंत नहीं रोके जाने पर जम्मू के व्यापारियों के साथ कारोबार बंद करने की भी धमकी दी। कई कर्मचारी संघों ने शनिवार को प्रेस कॉलोनी में भी प्रदर्शन किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़