CM Stalin ने दक्षिणपंथी ताकतों से निपटने के लिए एकजुटता का आह्वान किया

CM Stalin
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स्टालिन ने वायकोम सत्याग्रह (1924-25) के शताब्दी समारोह में अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक न्याय और छुआछूत के खिलाफ ऐतिहासिक वायकोम संघर्ष देश का अग्रणी आंदोलन था, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों से सुधारवादी नेता पेरियार ई. वी. रामासामी की सामाजिक न्याय की विचारधारा को आगे बढ़ाने और दक्षिणपंथी ताकतों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। स्टालिन ने वायकोम सत्याग्रह (1924-25) के शताब्दी समारोह में अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक न्याय और छुआछूत के खिलाफ ऐतिहासिक वायकोम संघर्ष देश का अग्रणी आंदोलन था, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया।

वायकोम आंदोलन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि केरल के सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिये जाने के बाद पेरियार ने विरोध का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि पेरियार ने लोगों को लामबंद किया, उनमें जागरूकता पैदा की। हालांकि, उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। स्टालिन ने कहा कि मानवतावाद, स्वाभिमान, समाजवाद, समानता, महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष राजनीति आदि पेरियारवाद का मूल है।

उन्होंने कहा कि पेरियार की विचारधारा की जीत के लिए सभी को मिलकर मेहनत करनी होगी। कोट्टयम से लगभग 29 किलोमीटर दूर वायकोम में शताब्दी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जब पेरियार ने वायकोम आंदोलन का नेतृत्व किया था, उस समय वह कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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