UP के सूखा पीड़ित क्षेत्रों का सर्वे कराकर मुआवजा बांटा जाएगा: मुख्यमंत्री

CM Yogi conducts aerial survey of flood-hit areas
[email protected] । Sep 19 2017 6:51PM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए सर्वेक्षण कराकर मुआवजा राशि वितरित किए जाने की घोषणा की है। योगी यहां दीनदयाल धाम (नगला चंद्रभान) में भारतीय जनता पार्टी की मात्रृ संस्था जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष की समाप्ति पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए सर्वेक्षण कराकर मुआवजा राशि वितरित किए जाने की घोषणा की है। योगी यहां दीनदयाल धाम (नगला चंद्रभान) में भारतीय जनता पार्टी की मात्रृ संस्था जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष की समाप्ति पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘यह सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की सोच के अनुसार गांव, गरीब और किसानों के हितों के लिए काम करने वाली है और हमको मालूम है कि प्रदेश के किसानों की हालत बहुत खराब है। इसलिए प्रदेश में कर्जे के बोझ से दबे किसानों को राहत प्रदान करने के लिए ‘ऋण मोचन योजना’ प्रारंभ की गई जिसके तहत 86 लाख किसानों को एक लाख तक की ऋण माफी देने का काम किया जा रहा है।’

उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस वर्ष औसत वर्षा में भारी कमी आने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘आगरा एवं अलीगढ़ सहित इस क्षेत्र के कई जनपदों में किसान सूखे से जूझ रहे हैं। इसलिए हमने ताकीद कर दी है कि नहरों में टेल तक पानी पहुंचाया जाए और सर्वेक्षण कराकर जल्द से जल्द मुआवजा राशि बांटने की प्रक्रिया शुरू की जाए।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘किसानों के चेहरे पर खुशहाली दिखनी चाहिए। प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि किसानों की आय दुगुनी करो। उन्हें हर प्रकार से खुशहाल करो। शासन की योजनाओं में उन्हें भागीदार बनाओ।

उन्हें इन योजनाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए और हम यही कर रहे हैं।’ उन्होंने बेहतर उपज के बाद भी आलू किसानों को पूरा लाभ न मिल पाने के चलते सरकार द्वारा पहली बार ‘आलू खरीद योजना’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमने पूरा प्रयास किया। मगर हम जानते हैं कि किसानों को आलू का पूरा लाभ तब तक नहीं मिल पाएगा, जब इस क्षेत्र में आलू की कोई ‘प्रोसेसिंग यूनिट’ नहीं लगेगी।’ उन्होंने ‘फूड प्रोसेसिंग’ के क्षेत्र में रुचि लेने वालों से कहा, ‘हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं और केंद्र सरकार भी इस मामले में अच्छी-खासी मदद करने के लिए तैयार है।

यदि ऐसा होता है तो यह क्षेत्रीय किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा।’ योगी ने ब्रज क्षेत्र में खारे पानी की समस्या की बात उठाते हुए उपाय सुझाया, ‘अगर खेत-तालाब योजना, चेक डैम निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग व सघन वृक्षारोपण की मदद से हम इस समस्या का निदान निकाल सकते हैं। इसलिए इन कार्यों को अगर जनान्दोलन के रूप में किया जाए तो जल्द ही अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘पेयजल संकट के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना प्रारंभ की है। यमुना भी उसी का हिस्सा है। इसमें यमुना की भी शुद्धता होनी चाहिए। उसकी अविरलता, निर्मलता के लिए सभी को चिंता करनी चाहिए।

ऐसा होगा है तो हर गांव को मीठा पानी पहुंचा सकेंगे। इस योजना में धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था है। इसलिए समाज के हर वर्ग को इससे जुड़ना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दीनदयाल धाम व उसके आसपास के गांवों की बालिकाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा मुहैया कराने के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर एक कन्या महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘दुःख की बात है कि इस क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए 14-15 किमी तक जाना पड़ता है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। सरकार उनके लिए यहीं एक डिग्री कालेज की स्थापना करेगी।’ उन्होंने दीनदयाल धाम व उसके आसपास के इलाके में पर्यटन विभाग के पांच करोड़ रूपये की लागत से कई नए विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया। इनमें पहले से स्थापित सरोवर का उच्चीकरण, एक मुक्ताकाशी रंगमंच, बगीचा, चिल्ड्रेन पार्क, कई शौचालय निर्माण, पाथ-वे, उद्यानीकरण, नलकूप, जल संधारण प्रकल्प, प्रकाश व्यवस्था एवं प्रवेश द्वार आदि शामिल हैं।

उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा हाल में गठित ‘ब्रज तीर्थ विकास परिषद’ का औचित्य बताते हुए कहा, ‘इसके माध्यम से सरकार ब्रज से युवाओं का पलायन रोकेगी। उनके लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के साधन मुहैया कराने के प्रयास करेगी। रोजगार की व्यापक संभावनाओं को तलाश कर बेरोजगारों की बदहाली दूर करने का काम करेगी।’ उन्होंने बताया, ‘देश और दुनिया के सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए ब्रजभूमि बड़ी ही श्रद्धा एवं पवित्रता की धरती रही है। मान्यता है कि अगर कोई पशु-पक्षी बनकर भी यहां रह जाए, तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। इसलिए सरकार इस क्षेत्र का विकास यहां की जनमान्यताओं को ध्यान में रखते हुए ही उसके पुरातन एवं आध्यात्मिक स्वरूप को अक्षुण्ण रखते हुए ही करने का प्रयास कर रही है और इसमें केंद्र सरकार भी मदद करेगी।

’योगी ने 30 मिनट के भाषण में अधिक जोर इस पर रहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय की समाज के अंतिम पायदान पर खड़े सबसे गरीब व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की सोच के तहत ही कार्य कर रही हैं। इसके तहत तीन वर्ष पूर्व केंद्र में भाजपानीत सरकार बनाने वाले नरेंद्र मोदी भी अक्षरशः पं. दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुसार ही गांव, गरीब और किसान हितैषी योजनाओं को अमली जामा पहनाने का काम कर रहे हैं और योगी भी छह माह पूर्व बनी अपनी सरकार के माध्यम से यही काम उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं।

अपनी बात को सिद्ध करने के लिए योगी ने जन-धन योजना में देश के 30 करोड़ अत्यंत गरीब लोगों के बैंकों में खाते खुलवाने से लेकर 3 करोड़ गरीब माता-बहनों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, बिजली रहित गांवों में बिजली आपूर्ति व नए बिजली कनेक्शन, प्रधानमंत्री आवासीय योजना में निर्धनों को अपनी छत मुहैया कराने जैसी तमाम योजनाओं का उल्लेख किया और उनसे प्रदेश को भी जोड़ा। इस मौके पर उन्होंने पिछले माह में अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए जनता से उन कामों पर समर्थन प्रकट करने की मंशा भी प्रकट की।

समारोह को पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा, पशुधन विकास, संस्कृति, वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री चौ लक्ष्मी नारायण, जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत मिश्र आदि ने भी संबोधित किया।

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