नरेश अग्रवाल मामले में टीवी चैनल, समाचार पत्रों को नोटिस
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सभापति हामिद अंसारी ने सदन के सचिवालय को निर्देश दिया कि वह एक टीवी चैनल तथा कुछ समाचार पत्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले की जांच करें।
राज्यसभा में सपा नेता नरेश अग्रवाल की एक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकालने के बावजूद कुछ समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में स्थान दिए जाने तथा अग्रवाल के घर पर तोड़फोड़ करने एवं उन्हें धमकी दिए जाने के मुद्दे पर आज विपक्षी सदस्यों ने भारी विरोध किया। साथ ही सभापति हामिद अंसारी ने सदन के सचिवालय को निर्देश दिया कि वह एक टीवी चैनल तथा कुछ समाचार पत्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले की जांच करें।
इस मुद्दे पर आज शून्यकाल में सपा की अगुवाई में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन की बैठक आज 11 बज कर करीब 45 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में प्रश्नकाल में कांग्रेस के आनंद शर्मा द्वारा व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर यह मुद्दा उठाए जाने पर सभापति ने सचिवालय को निर्देश दिया कि वह एक टीवी चैनल तथा कुछ समाचार पत्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले की जांच करें। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ सदस्यों द्वारा दिए गए विशेषाधिकार नोटिस मिले हैं जिनमें कहा गया है कि एक टीवी चैनल तथा कुछ समाचार पत्रों में एक सदस्य के खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणी की गई है।
शर्मा ने कहा कि इस मामले में जब परसों आसन की ओर से अग्रवाल की टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया गया और प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इसे स्थान नहीं देने का निर्देश दिया गया था तो कुछ चैनलों एवं समाचार पत्रों में इसे स्थान क्यों दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह से आसन की व्यवस्था का बार बार उल्लंघन हो रहा है। शर्मा ने कहा कि यह मामला केवल विशेषाधिकार का ही नहीं है। इसमें सम्मन जारी किए जाने चाहिए और सरकार को निर्देश देना चाहिए कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराए। इसी मुद्दे पर नरेश अग्रवाल ने कहा कि भाजपा युवा मोर्चा के कुछ सदस्यों ने उनके घर पर प्रदर्शन किया, तोड़फोड़ की और उनको धमकी दी। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अग्रवाल की बात का विरोध करते हुए कहा कि भाजयुमो संबंधी टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए।
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