आध्यात्मिक सशक्तिकरण से दया और करुणा राष्ट्रीय अभियान का हुआ आगाज, लोकसभा अध्यक्ष ने कही यह बात

Om Birla
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कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में बोलते हुए देश के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था ने सारे विश्व में करोड़ों लोगों का जीवन परिवर्तन किया है। संस्था ने पूरी दुनिया को आध्यात्मिकता का सन्देश दिया है। अभियान के द्वारा संस्था ने समाज के सभी क्षेत्रों में स्वर्णिम भारत बनाने की मुहिम जगाई है।

नयी दिल्ली। करुणा और दया का... संदेश देते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण से करुणा और दया अभियान का आगाज हुआ। साथ ही कल्पतरुह थीम के अंतर्गत 40 लाख से अधिक पौधे लगाने के लिए भी एक एप की शुरुआत की गई। शनिवार को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम(दिल्ली) में आयोजित कार्यक्रम में देश के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मॉरीशस की उच्चायुक्त एस.बी. हनुमानजी, मंगोलिया के राजदूत गणबोल्ड डंबजाव, ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन एवं ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने हरी झंडी दिखाकर अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में तिलक, बैज एवं अभियान के ध्वज के द्वारा भी सदस्यों ने अभियान की तैयारी की। 

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कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में बोलते हुए देश के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था ने सारे विश्व में करोड़ों लोगों का जीवन परिवर्तन किया है। संस्था ने पूरी दुनिया को आध्यात्मिकता का सन्देश दिया है। अभियान के द्वारा संस्था ने समाज के सभी क्षेत्रों में स्वर्णिम भारत बनाने की मुहिम जगाई है।

भारत ने दिया है विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जिसने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का सन्देश दिया है। कोरोना काल में भारत ने पूरे विश्व में सामूहिक चेतना के द्वारा विश्व एक परिवार का सन्देश दिया। महावीर स्वामी, महात्मा बुद्ध एवं गुरुनानक जैसे महापुरुषों ने सबको अहिंसा का सन्देश दिया। वर्तमान के वैश्विक संकट में भी सबकी नज़र भारत के ही ऊपर है।

आध्यात्मिकता ही है भारत की सबसे बड़ी शक्ति

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति आध्यात्मिकता है। ब्रह्माकुमारीज़ ने आध्यात्मिक ऊर्जा के द्वारा ही आज पूरे विश्व को परिवर्तन की एक नई राह प्रदान की है। राजयोग के द्वारा ही मानव की आंतरिक शुद्धि हो सकती है। ब्रह्माकुमारीज़ ने मानव की आंतरिक ऊर्जा को सक्रिय कर परमात्मा से जुड़ने का सहज मार्ग बताया है।

युवाओं के लिए आध्यात्मिकता ज़रूरी

उन्होंने कहा कि स्कूल एवं कॉलेज के स्तर पर आध्यात्मिकता की बहुत आवश्यकता है। छोटी आयु से ही अगर युवाओं में अच्छे संस्कार आरोपित किये जाएं तो आने वाला समय उनके जीवन में एक सुखद सवेरा लेकर आएगा। जैसे संस्कार हम अभी से नई पीढ़ी को देंगे, वैसे ही समाज का हम निर्माण करेंगे। प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ संस्कारों का संरक्षण भी आवश्यक है।

मॉरीशस की उच्चायुक्त एस.बी. हनुमानजी ने कहा कि मैं मॉरिशस से ही संस्था के सम्पर्क में हूँ। करुणा और दया मनुष्य आत्मा के मूलभूत संस्कार हैं। लेकिन जब हम बाहरी दुनिया के आकर्षणों में फंस जाते हैं तो अपने स्वाभाविक गुणों को भूल जाते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था आध्यात्मिकता के द्वारा सारे विश्व में करुणा और दया के सन्देश को फैला रही है। हमें भी इस श्रेष्ठ कार्य में अपना सहयोग देना हैं।

मंगोलिया के राजदूत गणबोल्ड डंबजाव ने कहा कि बचपन से ही मैं स्वयं को प्रकृति के बहुत नजदीक अनुभव करता हूँ। प्रकृति हमें करुणा और दया की भावना सिखाती है। मुझे बहुत ख़ुशी है कि आज करुणा और दया के लिए आयोजित इतने बड़े अभियान का मैं हिस्सा हूँ।

2.27 करोड़ पेड़ लगाकर बनाया अद्भुत रिकॉर्ड

स्वामी प्रेम परिवर्तन, जिन्हें पीपल बाबा के नाम से जाना जाता है। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि 11 वर्ष की आयु से उन्होंने पेड़ लगाने की यात्रा शुरू की और अब तक 2.27 करोड़ से भी अधिक वृक्ष लगा चुके हैं। जिसमें 1.27 करोड़ पीपल, 74 लाख नीम, 28 लाख जामुन एवं अन्य फलों के वृक्ष लगाए। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था आध्यात्मिक चेतना से भरपूर है।इसलिए इस प्रकार की मुहिम को बेहतर रूप से संपन्न कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में उनकी कभी भी आवश्यकता हो तो वो सदा हाजिर रहेंगे। 

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ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि जब मानव हरे भरे हो जायेंगे तो प्रकृति अपने आप ही हरी भरी हो जाएगी। बिना मानसिक स्वच्छता के प्राकृतिक स्वच्छता आ नहीं सकती। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था एक ऐसा संगठन है, जिसका निर्देशन स्वयं परमात्मा कर रहे हैं। परमात्मा के साथ मानसिक रूप से स्नेहयुक्त सम्बन्ध ही जीवन को करुणा और दया से भर सकता है।

ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि करुणा और दया तो अपने आप में ही श्रेष्ठ गुण हैं। लेकिन फिर भी उसके लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों है। बिना आत्मिक स्वरुप की स्थिति के भाई चारे की भावना उत्पन्न नहीं हो सकती। भाई चारे के बिना करुणा और दया व्यक्त नहीं हो सकती। इसलिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही इन गुणों का विकास होता है।

कल्पतरुह एप के द्वारा होगा पौधे का पंजीकरण

माउन्ट आबू से पधारे बीके श्रीनिधि ने कल्पतरुह अभियान के बारे में बताया कि इस अभियान के अंतर्गत पूरे देश में 40 लाख पेड़ लगाए जायेंगे। एक व्यक्ति एक पौधा लगाने के संकल्प से चलाये जा रहे अभियान में कल्पतरुह एप के द्वारा पौधे का पंजीकरण किया जायेगा। समय-समय पर पौधे की जानकारी एप के द्वारा देनी होगी। 75 दिन तक पौधे की देख-रेख की जाएगी।

क्लीन द माइंड ग्रीन द अर्थ के फाउंडर वि. श्रीनिवासन राजू ने भी अभियान के प्रति अपनी शुभ कामनाएं व्यक्त की। राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने सभी को राजयोग के अभ्यास द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई। दिल्ली करोल बाग सेवाकेंद्र की निदेशिका पुष्पा दीदी ने अपने दिल के भावों से सबका धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन बीके उर्मिल एवं बीके सपना ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में पर्यावरण विदों सहित अनेक लोग सम्मिलित हुए।

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