कांग्रेस ने सरकार से पूछा: क्या आपके पास अलादीन का चिराग है?
रेल मंत्रालय के तहत विभिन्न मदों में आवंटन में कटौती को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए विपक्षी कांग्रेस ने आज सरकार से सवाल किया कि हर तरह के आवंटन में कटौती करके विकास कैसे होगा? क्या सरकार के पास कोई अलादीन का चिराग है जो खुल जा सिमसिम बोलते ही सभी काम कर देगा? उधर, भाजपा ने सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि पहली बार आम जन के साथ राजस्व दिलाने वाली योजनाओं को प्राथमिकता देने और लंबित परियोजनाओं को पूरा करने की प्रतिबद्ध पहल की गई है।
लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद रेल दुर्घटनाओं में मौतों की औसतन संख्या में वृद्धि हुई है, वहीं महत्वपूर्ण विकास मदों में कोष में कटौती की गई है। अगर बजटीय आवंटन में कटौती होगी, तब ट्रैक का विकास, यात्री सुविधाओं की बेहतरी कैसे होगी? संरक्षा और सुरक्षा कैसे सुनिचित की जा सकेगी? उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े बड़े वादे किये लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए दिशा का आभाव है। काम करने की बजाय मार्केटिंग पर जोर दिया जा रहा है। खडगे ने कहा कि रेलवे विकास कोष की राशि में 77 प्रतिशत की कटौती की गई है। अब जब कोष घट रहे हैं तब विकास के वादे कैसे पूरे होंगे? डेट सर्विस फंड में भी कटौती की गई है। रेलवे के दोहरीकरण के मद में भी कटौती की गई है। पूंजीगत व्यय मद में भी कटौती की गई। रेलवे की आय और राजस्व घटा है। उन्होंने कहा, ''हर चीज में कटौती की गई है तब विकास कैसे होगा? क्या आपके पास अलादीन का चिराग है कि खुल जा सिमसिम बोलते ही बात पूरी हो जाएगी।’’
खडगे ने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन का ट्रैक बनाने के लिए 200 करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से खर्च करना चाहती है जबकि सामान्य रेल ट्रैक 20 करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ''सरकार को पहले अपनी प्राथमिकता तय करनी चाहिए। बड़ी बड़ी बातें केवल जनता को भ्रमित करने के लिए ही हैं।’’
भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे के विकास के लिए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं जो व्यवहारिक एवं दूरदर्शी सोच के साथ हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार आम जन और राजस्व प्रदान करने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। यह भारतीय रेल में हुए बदलाव से स्पष्ट है। आदित्यनाथ ने सवाल किया कि क्या आम आदमी कभी अपनी समस्याओं के संदर्भ में रेल मंत्री से बात कर सकता था? आज यात्री अपनी समस्याएं सीधे रेल मंत्री के समक्ष रख सकता है और यथासंभव उसे समाधान भी मिलता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल के समक्ष चुनौतियां हैं और ये विरासत में मिली हैं। यह विरासत 60 सालों की राजनीतिक संकीर्णता के कारण पैदा हुई है। रेल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला, अनुपयोगी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया गया। सुरक्षा, संरक्षा, समबद्धता की चुनौती पैदा हुई और परियोजनाएं लंबित होती गईं। भाजपा सदस्य ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और रेल मंत्री के मार्गदर्शन में भारतीय रेल गति अवरोधों से मुक्त होने की दिशा में बढ़ रही है। रेलव को पर्यावरण अनुकूल बनाने एवं आर्थिक सुदृढ़ीकरण की पहल की गई है। मिशन 2020 की बात की गई है।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुरूप आरक्षण, समयबद्धता, बिना चौकीदार वाले समपार को दूर करना, रफ्तार बढ़ाने जैसी पहल की जा रही है। पिछले वर्ष 139 परियोजनाओं को समय पर पूरा किया गया। आदित्यनाथ ने कहा कि रेलवे के लिए संसाधन जुटाने की भी पहल की गई है और इस दिशा में एनआईसी आदि से सहयोग किया जा रहा है। 2500 किलोमीटर बड़ी लाइन के लक्ष्य से ज्यादा कार्य पूरा किया गया।
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