लखीमपुर मामले पर राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग उठाई

Congress delegation met President

पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें।

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कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी शामिल थीं। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिन परिवारों के सदस्यों को कुचला गया था, उन्होंने बताया कि वे न्याय चाहते हैं। वो चाहते हैं कि जिस व्यक्ति ने यह हत्या की है उसको सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस व्यक्ति ने हत्या की है उसके पिता देश के गृह राज्य मंत्री हैं और जब तक वह व्यक्ति मंत्री है तब तक सही जांच नहीं हो सकती।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ये बातें हमने राष्ट्रपति जी को बताई हैं और हमने उनसे कहा कि यह सिर्फ इन परिवारों की आवाज नहीं, बल्कि हर किसान की आवाज है।’’ मिश्रा के एक बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस ने नेता ने कहा, ‘‘इस व्यक्ति ने हत्या से पहले कहा था कि सुधरोगे नहीं तो सुधार दूंगा, किसानों को धमकी दी थी। हमने राष्ट्रपति से कहा कि जब तक यह व्यक्ति मंत्री है तब किसानों को न्याय नहीं मिल सकता। इसलिए उच्चतम न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों के जरिये इसकी जांच होनी चाहिए।’’

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प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘शहीद किसानों और पत्रकार रमेश कश्यप के परिजन न्याय चाहते हैं। वर्तमान न्यायाधीशों के जरिये जांच हो। उनका मानना है कि मंत्री की बर्खास्तगी के बिना सही जांच नहीं हो सकती। यह सिर्फ शहीद किसानों की मांग नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की सारी जनता की मांग है और सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति की मांग है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सरकार संदेश दे रही है कि आप दलित हैं, किसान हैं, महिला हैं तो आपको न्याय नहीं मिलेगा। लेकिन अगर आप सत्ताधारी हैं, भाजपा के मंत्री है तो आप पर कानून लागू नहीं होगा।’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ शहीद परिवार की ओर से हमने राष्ट्रपति जी के समक्ष मांग रखी है।

उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह आज इस पर सरकार से बातचीत करेंगे....सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह देश और जनता की मांग सुने। यह हमारी नहीं, जनता की मांग है।’’ गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में गत तीन अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आशीष को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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