कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में ढांचागत बदलाव की मांग की

[email protected] । Mar 15 2017 10:34AM

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में ‘‘ढांचागत बदलाव’’ की मांग और तेज हो गयी है वहीं एक वरिष्ठ नेता ने ‘‘व्यापक सुधार’’ की मांग की है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में ‘‘ढांचागत बदलाव’’ की मांग और तेज हो गयी है वहीं एक वरिष्ठ नेता ने ‘‘व्यापक सुधार’’ की मांग की जबकि एक अन्य नेता ने ‘‘चीजों को दुरूस्त’’ करने की जरूरत पर बल दिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को खुद ही कहा कि पार्टी में ढांचागत और सांगठनिक बदलाव की जरूरत है। एम वीरप्पा मोइली और सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में ऐसे बदलाव और ‘‘सर्जरी’’ शुरू किए जाने पर बल दिया जिससे इसमें नयी शक्ति आ सके। वहीं पूर्व केंद्रीय रेणुका चौधरी ने चीजों को दुरूस्त करने पर बल दिया।

उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राहुल ने कहा कि ढांचागत और सांगठनिक बदलावों की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन कर लड़ा था। लेकिन 403 सदस्यीय विधानसभा में उसे सिर्फ सात सीटें ही मिलीं। इसके साथ ही राहुल ने जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे ‘‘बुरे नहीं’’ हैं हालांकि उत्तर प्रदेश में पार्टी ‘‘कुछ नीचे’’ रही। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मुख्य रूप से ध्रुवीकरण के कारण विजयी हुयी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के बीच राहुल ने पार्टी के भीतर बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने पर बल दिया और उन क्षेत्रीय नेताओं की भूमिका की सराहना की जो चुनाव लड़े और विजेता के रूप में उभरे। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हमें ढांचागत और सांगठनिक बदलावों की जरूरत है और यह एक तथ्य है।’’ वह संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने पार्टी के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता के साथ ही व्यापक सुधार (सर्जरी) पर बल दिया। उन्होंने हालांकि कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर लागू नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘ढांचागत बदलाव करना होगा। पार्टी को समय तथा चुनौतियों का जवाब देना होगा।’’ चतुर्वेदी ने कहा कि वह 2014 की शर्मनाक हार के बाद से ही पुनर्गठन पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब कदम उठाने की क्या जरूरत है जब उस समय कदम नहीं उठाया गया, जब जरूरी था। उन्होंने जवाबदेही तय किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। चौधरी ने कहा कि हमें चीजें दुरूस्त करने और एकजुट टीम के रूप में काम करने की जरूरत है।

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