कैग की आलोचना के बाद कांग्रेस ने मांगा शिवराज से इस्तीफा

[email protected] । Mar 25 2017 5:39PM

कैग द्वारा व्यापमं घोटाले पर मध्य प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना किए जाने के एक दिन बाद विपक्ष के नेता अजय सिंह ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इस्तीफे की मांग पुन: दोहरायी।

भोपाल। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा बहुचर्चित व्यापमं घोटाले पर मध्य प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना किए जाने के एक दिन बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग आज पुन: दोहरायी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह ने आज यहां जारी अपने बयान में कहा, ‘‘व्यापमं घोटाले और पोषाहार मामले में कैग की रिपोर्ट की बाद अब मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिये। इससे कम अब कुछ भी मंजूर नहीं किया जा सकता। स्पष्ट हो चुका है कि यह घोटाला उनके 13 साल के मुख्यमंत्रित्वकाल में हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि व्यापमं घोटाले में 53 लोगों की मौत हुई है, 55 प्राथमिकियां दर्ज हुई हैं और एस.टी.एफ., एस.आई.टी जथा सीबीआई सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा अपनी जांच में करीब 2,500 लोगों को इसमें संदिग्ध बनाया गया है। इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी हो चुकी है। इसके बाद अब कैग ने भी इस घोटाले की पुष्टि कर दी है ऐसी स्थिति में अब उच्चतम न्यायालय के निर्णय और सी.बी.आई. की जाँच का इंतजार किए बगैर मुख्यमंत्री चौहान को अपना पद छोड़ देना चाहिए।

कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पर त्यागपत्र देने की नैतिक जिम्मेदारी इसलिये भी बनती है क्योंकि वह बच्चों के मामा होने का दावा करते हैं। मामा सरकार में चाहे व्यापमं महाघोटाले का मामला हो या पोषाहार का, दोनों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी इसलिए भी है कि किसी भी विभाग में उनकी मर्जी के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता। किसी मंत्री को अपने क्षेत्र या विभाग में उद्घाटन, शिलान्यास की अनुमति तक नहीं है स्वयं मंत्री कई मंच पर यह कह चुके हैं। ऐसे में व्यापमं के महाघोटाले की सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री की ही जिम्मेदार बनती हैं। इसलिये उन्हें बगैर देरी किये इस्तीफा देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भी इस महाघोटाले को संज्ञान में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखेंगे कि उनको भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मुहिम के प्रति अपनी ईमानदारी बतानी है तो तत्काल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से त्याग-पत्र लें।

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