उत्तराखंड में कांग्रेस को झटका, यशपाल आर्य भाजपा में शामिल

[email protected] । Jan 16 2017 4:09PM

चालीस साल तक कांग्रेस में रहने के बाद दिग्गज नेता और प्रदेश के सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य अपने पुत्र संजीव के साथ ऐन विधानसभा चुनाव से पहले सबको चौंकाते हुए भाजपा में शामिल हो गये।

देहरादून। चालीस साल तक कांग्रेस में रहने के बाद उत्तराखंड के दिग्गज नेता और प्रदेश के सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य आज अपने पुत्र संजीव के साथ ऐन विधानसभा चुनाव से पहले सबको चौंकाते हुए भाजपा में शामिल हो गये। नयी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होने के बाद आर्य कहा कि चालीस साल तक कांग्रेस में एक कार्यकर्ता के तौर पर सेवा करने के बाद आज बहुत भारी मन से उन्होंने उसे अलविदा कहकर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम लिये बगैर आर्य ने कहा कि पिछले काफी समय से वह सरकार और संगठन के स्तर पर की जा रही अनदेखी से बहुत दुखी थे। उन्होंने कहा, 'मैं किसी का नाम लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन कांग्रेस में इतने लंबे समय तक सक्रिय रहने के बावजूद मुझे (सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिये बनायी गयी) समन्वय समिति तक में जगह नहीं दी गयी।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अपनी और अपने क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अनदेखी के बावजूद वह खामोश रहे लेकिन उसे उनकी कमजोरी माना गया और पार्टी हाईकमान के स्तर पर भी कोई सुनवाई न होने से उन्होंने आज भरे मन से पार्टी छोड़ दी। आर्य ने यह भी कहा कि भाजपा में शामिल होने से पहले अपने और अपने पुत्र संजीव के टिकट के मसले पर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है और वह केवल एक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा में शामिल हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता माने जाने वाले आर्य के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने को 15 फरवरी को होने वाले चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के लिये एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्यवाही से बचने के लिये उन्होंने यह कदम उठाया है। भाजपा पर नेताओं को डरा कर अपनी पार्टी में शामिल कराने का आरोप लगाते हुए उपाध्याय ने कहा कि वैसे भी आर्य अपने अलावा अपने पुत्र संजीव के लिये भी विधानसभा टिकट मांग रहे थे और अपने कर्मठ कार्यकर्ता की अनदेखी कर उन्हें यह टिकट दे पाना संभव नहीं था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आर्य जैसे दिग्गज नेता के चले जाने से कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से भी इंकार किया और दावा किया कि इससे भाजपा का ही नुकसान ज्यादा होगा।

अपने कैरियर में छह बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहने के अलावा, आर्य ने आठ साल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद भी संभाला था। वह प्रदेश की पहली निर्वाचित विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। ताजा घटनाक्रम के बीच, 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिये मंगलवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी राहुल गांधी सहित अन्य केंद्रीय नेताओं के अलावा प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय और मुख्यमंत्री हरीश रावत भाग लेंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़