कोरोना का असर, NPR और जनगणना का पहला चरण स्थगित

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गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाना था। इनमें पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर के दौरान मकान सूचीकरण और मकानों की गणना तथा नौ से 28 फरवरी के दौरान आबादी की गणना शामिल है

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 21 दिवसीय लॉकडाउन के कारण राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन बनाने और 2021 की जनगणना के पहले चरण को स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दोनों प्रक्रियाएं एक अप्रैल से 30 सितंबर के बीच पूरी की जानी थी। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाना था। इनमें पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर के दौरान मकान सूचीकरण और मकानों की गणना तथा नौ से 28 फरवरी के दौरान आबादी की गणना शामिल है असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 की जनगणना के पहले चरण के साथ ही एनपीआर को अद्यतन किया जाना भी प्रस्तावित था। गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कारण केंद्र के साथ-साथ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा भी हाई अलर्ट घोषित किया गया है। बयान के अनुसार इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 2021 की जनगणना का पहला चरण और एनपीआर का अद्यतन किया जाना अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। 

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अधिकारियों ने कहा कि चूंकि जनगणना और एनपीआर प्रक्रिया में कर्मियों को हर घर जाने और लोगों से मिलने की आवश्यकता होती है। मौजूदा स्थिति के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए इसे स्थगित करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। गृह मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि जनगणना की तैयारी और एनपीआर को अपडेट करने के काम की तैयारियां चरम पर हैं और यह काम एक अप्रैल से शुरू होगा। कई राज्य सरकारों ने एनपीआर का विरोध किया है। इन राज्यों मेंकेरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार शामिल हैं। हालांकि, उनमें से अधिकतर ने यह भी कहा कि वे जनगणना के दौरान घरों के सूचीकरण में सहयोग करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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