अदालत ने Jamaat-e-Islami के पूर्व प्रवक्ता को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया
न्यायमूर्ति भारती द्वारा पारित 13 पृष्ठ के आदेश में कहा गया, याचिकाकर्ता की निवारक हिरासत के साथ-साथ उक्त आदेश को निरस्त किया जाता है। संबंधित जेल अधीक्षक को याचिकाकर्ता को जेल से रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन को प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी संगठन के पूर्व प्रवक्ता वकील अली मोहम्मद लोन उर्फ जाहिद को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उनकी अवैध हिरासत के लिए पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
कठोर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लोन की हिरासत को निरस्त करते हुए न्यायमूर्ति राहुल भारती ने कहा कि पुलवामा जिलाधिकारी द्वारा पारित हिरासत आदेश अवैध और अनुचित है।
न्यायमूर्ति भारती द्वारा पारित 13 पृष्ठ के आदेश में कहा गया, याचिकाकर्ता की निवारक हिरासत के साथ-साथ उक्त आदेश को निरस्त किया जाता है। संबंधित जेल अधीक्षक को याचिकाकर्ता को जेल से रिहा करने का निर्देश दिया जाता है। याचिकाकर्ता ने 25 लाख रुपये के मुआवजे का दावा किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि पांच लाख रुपये का मुआवजा न्याय के लिए काफी है।
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