लोया मामले में अदालत की टिप्पणी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज करने के फैसले में उसकी प्रतिकूल टिप्पणियां याचिकाकर्ताओं के खिलाफ थीं न कि अधिवक्ताओं के खिलाफ।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज करने के फैसले में उसकी प्रतिकूल टिप्पणियां याचिकाकर्ताओं के खिलाफ थीं न कि अधिवक्ताओं के खिलाफ। लोया मामले में पैरवी करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उच्चतम न्यायालय के 19 अप्रैल के फैसले में उनके खिलाफ कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की मांग की थी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि आवेदन (जयसिंह का) इस आधार पर किया गया कि अदालत द्वारा याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेप करने वालों को लेकर दी गई प्रतिकूल टिप्पणी आवेदनकर्ता पर व्यक्तिगत रूप से किये गए। उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल को लोया मामले में कई याचिकाओं को खारिज करते हुए यह फैसला दिया था कि सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश का निधन प्राकृतिक कारणों से एक दिसंबर 2014 को नागपुर में हुआ था । वह वहां अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में हिस्सा लेने गए थे।
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