अयोध्या में ढांचा ढहाए जाने के मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस से होगी, कोर्ट ने दर्ज किए बयान

ayodhya

उच्चतम न्यायालय ने आठ मई को विशेष अदालत को निर्देश दिया था कि वह मुकदमे की कार्यवाही 31 अगस्त तक पूरी कर ले। इससे पहले मुकदमे की कार्यवाही 20 अप्रैल को संपन्न होनी थी लेकिन लॉकडाउन के चलते अदालतें बंद होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

लखनऊ। सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने शुक्रवार को तय किया कि अयोध्या में ढांचा ढहाये जाने के मामले में आगे की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जारी रहेगी। इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, विहिप नेता चंपत राय बंसल और अन्य लोगों के नाम हैं। उच्चतम न्यायालय ने आठ मई को विशेष अदालत को निर्देश दिया था कि वह मुकदमे की कार्यवाही 31 अगस्त तक पूरी कर ले। इससे पहले मुकदमे की कार्यवाही 20 अप्रैल को संपन्न होनी थी लेकिन लॉकडाउन के चलते अदालतें बंद होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। 

इसे भी पढ़ें: देश का सबसे लंबा चला केस, 68 दिन चली सुनवाई, 13 जजों की बेंच ने दिया फैसला

अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयान दर्ज कर लिये हैं। अब आरोपियों को यह सूचित किया जाना है कि उनके खिलाफ क्या साक्ष्य पेश हुए। इस बीच बचाव पक्ष ने शुक्रवार को अर्जी लगायी कि वह अभियोजन पक्ष के तीन गवाहों से जिरह करना चाहता है। अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने बचाव पक्ष से कहा कि वह सवालों की सूची सौंपे, जो वह अभियोजन पक्ष के गवाहों से करना चाहता है। अदालत मामले की अगली सुनवाई 18 मई को करेगी। अयोध्या पुलिस में दर्ज दो प्राथमिकी के परिप्रेक्ष्य में 1992 में विवादित ढांचा ढहाये जाने के संबंध में लखनउ की अदालत में मुकदमा चल रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़