'वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा', राजनाथ का बड़ा बयान
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भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद प्रादेशिक न होकर, सांस्कृतिक है I पश्चिम के राष्ट्रवाद में प्रादेशिक, यानी भूमि पहले है, और चेतना बाद में, जबकि भारतीय राष्ट्रवाद में चेतना पहले है, प्रादेशिक बाद में है।
पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, अगले 4-5 वर्षों में, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि आज बंगाल में फिर से जागृति लाने की जरूरत है, ताकि यह धरती एक बार फिर ज्ञान, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में देश को नया योगदान दे सके। मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस दिशा में पूर्ण प्रतिबद्धता से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व-भारती, अपने नाम के अनुरूप ही, अपने और गुरुदेव के values को स्पष्ट करती हैI विश्व भारती एक ऐसा शब्द है, जिसमें ‘विश्व’ भी है, और ‘भारती’ भी है।
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भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद प्रादेशिक न होकर, सांस्कृतिक है I पश्चिम के राष्ट्रवाद में प्रादेशिक, यानी भूमि पहले है, और चेतना बाद में, जबकि भारतीय राष्ट्रवाद में चेतना पहले है, प्रादेशिक बाद में है। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने पश्चिम के राष्ट्रवाद का जो स्वरूप देखा था, उसने साम्राज्यवाद और सैनिक शासन को जन्म दिया, जिसका परिणाम विश्व युद्ध की विभीषिका के रूप में हमारे सामने आया। भारतीय राष्ट्रवाद तो गुरुदेव के शब्दों से ज्यादा उनकी काम में देखा जा सकता हैI अंग्रेजों द्वारा जलियावाला बाग हत्याकांड के बाद अपनी प्रतिष्ठित ‘नाइटहुड’ की उपाधि वापस कर देना इसका बड़ा प्रमाण है।
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रक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि आज जब हमारा देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है, देश विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए नए मानकों स्थापित कर दुनिया भर में अपनी धाक जमा रहा है, ‘Make in India’ से होते हुए ‘Make for the world’ की राह पर आगे बढ़ रहा है, तो निश्चित ही यह गुरुदेव के विजन का परिणाम है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2047 तक हमारा देश third या second नहीं, बल्कि top economy के रूप में दुनिया के सामने होगाI यह उपलब्धि, गुरुदेव को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, ऐसा मेरा मानना है। उन्होंने कहा कि नई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमने बच्चों के व्यक्तित्व विकास, और उचित शिक्षक-छात्र अनुपात पर भी पूरा ध्यान दिया है।
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