Bihar में सियासी हलचल का दिन, Amit Shah ने जनसभा को संबोधित किया, महागठबंधन की संयुक्त रैली

Amit Shah
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भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम चंपारण में एक जनसभा और बिहार की राजधानी पटना में किसानों और मजदूरों के एक सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब राजग में आने ही नहीं दिया जाएगा।

लोकसभा चुनाव से करीब एक साल पहले शनिवार को बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा ने राज्य में एक तरह से चुनावी शंखनाद कर दिया। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम चंपारण में एक जनसभा और बिहार की राजधानी पटना में किसानों और मजदूरों के एक सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब राजग में आने ही नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने नीतीश पर प्रधानमंत्री बनने के लोभ मेंसोनिया गांधी और लालू प्रसाद के शरण में जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं है कि वहां तो जगह (प्रधानमंत्री की कुर्सी) भरी हुई है तथा देश की जनता 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएगी। शाह ने आरोप लगाया कि नीतीश के सत्ता मोह में आज यह प्रदेश जंगलराज बन चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘ जंगलराज के खिलाफ हमें लड़ाई लड़नी है और लालू-नीतीश की सरकार को उखाड़ फेंकना है।’’

उन्होंने लोगों से अपील की कि एक बार बिहार में ‘डबल इंजन’ की सरकार बनवाएं, बिहार को भाजपा देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देगी। शाह ने नीतीश के राजद और जदयू के बीच गठजोड़ का उपहास उडाते हुए इसकी तुलना तेल और पानी के मिश्रण से की। पटना में शाह ने कहा कि एक बार फिर नीतीश जी ने धोखा दिया है लेकिन अब भाजपा उन्हें राजग में नहीं लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने पूरे जीवन में इतना झूठ बोलकर दल-बदल करने वाला व्यक्ति ही नहीं देखा। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिया था फिर भी हमने उनको मुख्यमंत्री बनाकर वादा पूरा किया था।’’

बाल्मीकिनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने लालू और नीतीश के बीच तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर एक गुप्त समझौते की चर्चा की ओर इशारा किया। शाह ने कहा, ‘‘मैं नीतीश बाबू को बिहार के लोगों को यह बताने की चुनौती देता हूं कि वह किस तारीख तक बिहार को जंगल राज में डुबोना चाहते हैं जिसे जड़ से खत्म करने की उन्होंने कसम खाई थी।’’

पूर्णिया में महागठबंधन की रैली का आकर्षण लालू प्रसाद का भाषण था जिन्होंने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की, जहां वह सिंगापुर में किडनी प्रत्यारोपण कराने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। सामाजिक न्याय के नारे के माध्यम से हिंदुत्व को बेअसर करने में माहिर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मोदी, आरएसएस जाति पदानुक्रम का समर्थन करते हैं। राजद सुप्रीमो ने कहा, ‘‘भाजपा वालों की तरह हम भी हिंदू हैं। लेकिन अल्पसंख्यकों का क्या दोष है जिन्हें ये लोग अलग करना चाहते हैं।’’

नीतीश ने भाजपा के दो नेताओं नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधाते हुए उनके बारे में कहा कि आज कल जिनलोगों को कोई अनुभव नहीं है वे ही लोग बोलते रहते हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ते हैं, तो भाजपा 100 सीट से भी नीचे चली जायेगी। शाह के कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्य में पार्टी के लगभग सभी प्रमुख नेताओं की उपस्थिति थी। महागठबंधन रैली को अन्य लोगों के अलावा तेजस्वी यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने संबोधित किया।

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