Delhi University: एमए उर्दू के विद्यार्थियों को जल्द ही पढ़ाए जा सकते हैं कबीर के दोहे

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अगर पाठ्यक्रम में बदलाव की मंजूरी मिल जाती है तो अगस्त में शुरू होने वाले 2024-25 शैक्षणिक सत्र से ही इसे लागू किया जा सकता है। कार्यकारी परिषद विश्वविद्यालय का शीर्ष निर्णय निकाय है जिसकी बैठक 27 जुलाई को होगी।

 दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की कार्यकारी परिषद अगर पाठ्यक्रम में प्रस्तावित बदलाव को मंजूरी दे देती है तो विश्वविद्यालय में उर्दू विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी आध्यात्मिक संत कबीर दास के दोहे पढ़ते नजर आएंगे।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि कला संकाय की ओर से प्रस्तावित संशोधन को यदि मंजूरी मिलती है तो एमए उर्दू के पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को ‘कबीर वाणी’ के दोहे पढ़ाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य से कला संकाय ने एम.ए. उर्दू के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में दो पाठ्यपुस्तकें शामिल करने का प्रस्ताव किया है। अधिकारियों ने कहा कि इन पाठ्यपुस्तकों में अली सरदार जाफरी द्वारा लिखित कबीर वाणी और प्रभाकर मंचवे द्वारा लिखित कबीर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि अगर पाठ्यक्रम में बदलाव की मंजूरी मिल जाती है तो अगस्त में शुरू होने वाले 2024-25 शैक्षणिक सत्र से ही इसे लागू किया जा सकता है। कार्यकारी परिषद विश्वविद्यालय का शीर्ष निर्णय निकाय है जिसकी बैठक 27 जुलाई को होगी। इससे पहले विद्यार्थियों को पहले खंड के तहत मुल्ला वजही द्वारा रचित ‘सब-रस’ (पहला भाग) पढ़ाया जाता था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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