मदरसों की समस्याओं के हल के लिए केंद्रीय बोर्ड गठित करने की मांग
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राज्यसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने उत्तर प्रदेश के मदरसों से जुड़ी समस्याओं का मुद्दा उठाया और उनके समाधान के लिए केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित किए जाने की मांग की।
राज्यसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने उत्तर प्रदेश के मदरसों से जुड़ी समस्याओं का मुद्दा उठाया और उनके समाधान के लिए केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित किए जाने की मांग की। कांग्रेस के संजय सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब 8525 मदरसे मान्यताप्राप्त हैं लेकिन उनमें से 562 मदरसों को ही सरकारी अनुदान मिल रहा है। उन्होंने मदरसों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए कहा कि इन मदरसों में 20 साल काम करने के बाद भी शिक्षकों को नियमित नहीं किया गया है। सिंह ने कहा कि मदरसों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित किया जाना चाहिए और उनके कर्मचारियों को सरकारी वेतन दिया जाना चाहिए।
शून्यकाल में ही सपा के संजय सेठ ने लोगों की निजी जानकारियां बेचे जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि अब डाटा ब्रोकर कंपनियां खुल गयी हैं जो दूसरी कंपनियों को लोगों की निजी जानकारियां गैरकानूनी तरीके से बेच रही हैं।
सपा के ही नरेश अग्रवाल ने भी उनकी चिंता से स्वयं को संबद्ध किया और इस पर काबू के लिए प्रभावी कानून बनाए जाने की मांग की। उपसभापति पीजे कुरियन ने भी इसे गंभीर मामला बताया और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से कहा कि वह वित्त मंत्री को सदन की चिंता से अवगत करा दें। नकवी ने आश्वासन दिया कि वह वित्त मंत्री को इससे अवगत करा देंगे।
शून्यकाल में ही झामुमो के संजीव कुमार ने धनबाद के झरिया में भूमिगत आग तथा बीसीसीएल में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आग के कारण अक्सर जमीन धंसने की घटनाएं होती हैं जिससे काफी नुकसान होता है। कुमार ने मांग की कि वहां घोषित खतरनाक क्षेत्र का उचित सर्वेक्षण कराया जाए और रह रहे परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
माकपा के तपन कुमार सेन और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी आग पर काबू पाने की जरूरत पर बल दिया। उपसभापति कुरियन ने कहा कि कोयला मंत्रालय को इस समस्या पर काबू पाने के लिए ध्यान देना चाहिए।
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