राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट की

Governor Himachal

भेंट के दौरान राज्यपाल ने आयोग की विभिन्न गतिविधियों और प्रदेश में महिलाओं से सम्बन्धित मामलों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने महिलाओं को नवाचारों के अतिरिक्त उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करने के लिए अधिक कार्यशालाएं आयोजित करने पर बल दिया

 शिमला ।  हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने आज राजभवन में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी।

 

इस भेंट के दौरान राज्यपाल ने आयोग की विभिन्न गतिविधियों और प्रदेश में महिलाओं से सम्बन्धित मामलों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने महिलाओं को नवाचारों के अतिरिक्त उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करने के लिए अधिक कार्यशालाएं आयोजित करने पर बल दिया।

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 राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल एक शांतिपूर्ण राज्य है, लेकिन घरेलू हिंसा से सम्बन्धित मामले भी सामने आते हैं, जिस बारे में आयोग को अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आयोग को अधिकतर मामलों का अपने स्तर पर समाधान करने के प्रयास करने चाहिए ताकि लोगों को न्यायालय नहीं जाना पड़े। उन्होंने विवाह परामर्श सेवा का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि परामर्श सेवाओं ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए योग्य व्यक्तियों की सेवाएं लेनेे का भी सुझाव दिया।

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राज्यपाल ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश महिला आयोग द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और आयोग को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। डाॅ. डेजी ठाकुर ने राज्यपाल को आयोग की कार्य प्रणाली के बारे में अवगत करवाया।  इस अवसर पर आयोग की सदस्य इंदु बाला और रत्न मंजरी नेगी भी उपस्थित थीं।

 

राज्यपाल ने सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद् द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान, शिक्षा, पुनर्वास व चहुंमुखी एवं समग्र विकास के लिए सरकारी नीतियों व कार्यक्रमों को अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्यान्वित किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि परिषद की आम सभा की बैठक नियमित तौर पर आयोजित की जानी चाहिए ताकि रूपरेखा के साथ इस दिशा में प्रभावी पग उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और अस्थि दोष वाले बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें जो भी सुविधाएं दी जाती हैं, उनका अनुश्रवण किया जाना आवश्यक है।इस अवसर पर राज्यपाल को वरिष्ठ अधिकारियों ने परिषद् की विभिन्न  गतिविधियों से अवगत करवाया।

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