खतरनाक विशेषताओं के चलते आतंकी समूहों की पसंद है PETN
![do you know what is PETN do you know what is PETN](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071415555108.jpg)
उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक की सीट के नीचे मिले पैकेट में जो सफेद पाउडर पाया गया, वह खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन (पेंटाएरीथ्रिटाल टेट्रा नाइट्रेट) है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक की सीट के नीचे मिले पैकेट में जो सफेद पाउडर पाया गया, वह खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन (पेंटाएरीथ्रिटाल टेट्रा नाइट्रेट) है। यह बेहद खतरनाक पदार्थ है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस विस्फोटक की 500 ग्राम मात्रा सदन को उड़ाने के लिए काफी है। पीईटीएन खतरनाक प्लास्टिक विस्फोटकों में शुमार किया जाता है जो काला बाजार में उपलब्ध है। यह नाइट्रोग्लिसरीन की ही तरह होता है। आतंकवादी समूह इस विस्फोटक का बहुतायत में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह रंगहीन क्रिस्टल आकार में होता है और इसका आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता।
अधिकांश विस्फोटक डिटेक्टर के रूप में मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल होता है लेकिन पीईटीएन को सीलबंद डिब्बे में रखा जा सकता है। इसे किसी बिजली के उपकरण के बीच भी रखा जा सकता है। इसे सुरक्षा जांच में आसानी से छिपाकर ले जाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में तो डॉग स्क्वायड भी इस विस्फोटक को पहचान पाने में विफल रहा। पाउडर 12 जुलाई को सदन के सफाईकर्मियों को मिला था।
दुनिया के कई देशों में पीईटीएन की खरीद पर प्रतिबंध है। इसे पाउडर या पतली प्लास्टिक शीट के रूप में ले जाया जा सकता है। सेना और खनन उद्योग में पीईटीएन का उपयोग वैध तौर पर होता है। इसका उपयोग कई बार बंकरों को उड़ाने में किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो पीईटीएन में खुद विस्फोट नहीं होता बल्कि इसे डेटोनेट करने के लिए अन्य उपकरण की आवश्यकता होती है। पीईटीएन लाने ले जाने में सुरक्षित होता है। लेकिन इसे डेटोनेट करने के लिए कोई प्राथमिक विस्फोटक आवश्यक होता है। पीईटीएन का इस्तेमाल पिछले वर्षों के दौरान कई बम विस्फोटों में किया गया है। दुनिया भर में पीईटीएन की मदद से विस्फोट की खबरें आती रही हैं। समझा जाता है कि 2011 के दिल्ली उच्च न्यायालय विस्फोट में पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था। इस विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गयी थी।
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