नोटबंदी के बाद डोभाल के बेटे ने केमन आईलैंड में शुरू किया हेज फंड: कांग्रेस
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ साल पहले कालेधन के संदर्भ में भाजपा ने एक समिति बनाई थी जिसमें अजीत डोभाल भी शामिल थे।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र विवेक डोभाल ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा के कुछ दिनों बाद केमन आईलैंड में एक ‘हेज फंड’ की शुरुआत की और इसके बाद इस ‘टैक्स हैवेन’ से भारत में आने वाली एफडीआई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह भी कहा कि ‘भारतीय रिजर्व बैंक को अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 के बीच केमन आईलैंड से आए 8300 करोड़ रुपये की एफडीआई’ का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करना चाहिए और इसकी पूरी जांच भी करनी चाहिए। कांग्रेस के इस आरोप पर अजीत डोभाल, विवेक डोभाल और सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस नेता के इस आरोप से कुछ दिनों पहले ही मीडिया में इस मुद्दे पर एक खबर आई थी। उन्होंने अपने दावे के पक्ष में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ साल पहले कालेधन के संदर्भ में भाजपा ने एक समिति बनाई थी जिसमें अजीत डोभाल भी शामिल थे। समिति ने उस वक्त सिफारिश की थी कि टैक्स हैवेन से आने वाली एफडीआई की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।’’ उन्होंने रिजर्व बैंक के ब्यौरे का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान हुआ और इसके 13 दिनों बाद 21 नवंबर को विवेक ने केमन आईलैंड में जीएनवाई एशिया नामक ‘हेज फंड’ की शुरुआत की। इसके बाद अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 के बीच केमन आईलैंड से 8300 करोड़ रुपये की एफडीआई आया, जबकि इससे पहले 17 वर्षों में इतना एफडीआई आया था।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘फंड खोलना और एफडीआई आने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए कि एक साल में केमन आईलैंड से एफडीआई में इतनी बढ़ोतरी कैसे हो गई? आरबीआई को इस एफडीआई का पूरा विवरण सार्वजनिक करना चाहिए और इसकी जांच करनी चाहिए।’’
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उन्होंने कहा कि इस बारे में औपचारिक आग्रह करते हुए कांग्रेस जल्द ही आरबीआई को पत्र भी लिखेगी। रमेश ने कहा कि डोभाल ने भाजपा की समिति में रहते हुए टैक्स हैवेन के बारे में जो सिफारिश की थी, अब इस मामले में उन्हें उस सिफारिश का क्रियान्वयन करना चाहिए तथा उनको इस बारे में स्पष्टीकरण भी देना चाहिए। इस मामले पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार में बहुत अधिक शक्ति हासिल करने वाले डोभाल कानून से ऊपर नहीं हो सकते। वह एक गैरनिर्वाचित अधिकारी हैं जो संसद के जरिए जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है। उनकी जवाबदेही तय करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। चुप्पी ही उनकी दोषसिद्धि है।’’
Doval, who has grabbed more and more power for himself under Modi, can't be above the rule of law. As an unelected official, he is not accountable to people through the parliament. It is PM’s responsibility to ensure his accountability. Silence amounts to culpability. https://t.co/LYdT8BShL0
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 17, 2019
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